24 दिसंबर 2022 | चीन में एक बार फिर कोविड की लहर कहर बरपा रही है। इससे भारत में भी इस महामारी को लेकर चिंता बढ़ गई है और सरकार ने इसको लेकर सतर्क किया है। इस बीच ग्वालियर के माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एमआइटीएस) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अरुण कुमार वाधवानी ने दावा किया है कि भारत में भी 17 जनवरी से 13 अप्रैल के बीच कोविड की लहर आ सकती है। यह कोविड की अंतिम लहर होगी। खास बात यह है कि इसकी घोषणा उन्होंने सालभर पहले ही कर दी थी।
ज्योतिष साइंटिफिक मॉडल पर आधारित उनका ये रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ज्योतिष रिसर्च में 17 मार्च-2021 को पब्लिश हो चुका था। ये डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.ज्योतिषजर्नल.कॉम पर ऑनलाइन उपलब्ध है। प्रो.वाधवानी ने इसे ज्योतिष साइंटिफिक मॉडल के आधार पर फजी लॉजिक और हैगमन डिस्टेंस के आधार पर नॉलेज बेस सिस्टम से तैयार किया है।
18 फरवरी से आएगा पीक
प्रो.वाधवानी ने इस सिस्टम के आधार पर पूर्व में भारत को प्रथम वैक्सीन में सफलता तथा तीसरी लहर की गणना की थी, जो बिल्कुल सही साबित हुई थी। इस सिस्टम की गणना के मुताबिक देश में कोरोना की अंतिम लहर 17 जनवरी-2023 से प्रारंभ होगी और 18 फरवरी से इसका पीक शुरू होगा। इस समय नार्मलाइज्ड फजी पैंडेमिक इंडेक्स (एनएफपीआइ) 0.8 रहेगा तथा 13 मार्च को ये 0.5 पर पहुंच जाएगा। वहीं 28 मार्च को एनएफपीआइ 0.1 हो जाएगा।
17 जनवरी 2023 को आ सकती है कोरोना की अंतिम लहर
प्रो.अरूण कुमार वाधवानी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, एमआइटीएस ग्वालियर का कहना है कि फजी लॉजिक और हैगमन डिस्टेंस के आधार पर नॉलेज बेस सिस्टम से मैंने इसकी गणना की है। ये गणना पूर्व में भी पैंडेमिक में बिल्कुल सटीक रही है, इसके मुताबिक भारत में कोविड की अंतिम लहर का आगमन 17 जनवरी 2023 से 13 अप्रैल 2023 के बीच हो सकता है। मेरा ये रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ज्योतिष रिसर्च में 17 मार्च 2021 को पब्लिश हो चुका है। इसी सिस्टम के आधार पर मैंने भारत को प्रथम वैक्सीन में सफलता तथा तीसरी लहर की गणना की थी, वह भी सही साबित हुई थी।
गणना में पांच महामारियों का जिक्र
प्रो.अरूण कुमार वाधवानी ने इसकी गणना में विश्व की पिछली पांच महामारियों का भी जिक्र किया है। ये भी हैगमन डिस्टेंस और फजी लॉजिक के अनुसार ही हुई थीं। इनमें ब्लैक डैथ (1346-1353), द ग्रेट प्लेज ऑफ मार्सआइल (1720-1723), द फर्स्ट कोलेरा पैंडामिक (1817-1824), स्पेनिश फ्लू (1918-1920) और स्वाइन फ्लू (2009-2010) शामिल हैं।
नवंबर-2023 कोरोना मुक्त होगा भारत
गणना के अनुसार 1 नवंबर-2023 को राहु एवं बृहस्पति दोनों अलग हो जाएंगे। तब जाकर एनएफपीआइ 0.001 होगा और उस समय भारत पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त होगा।
सोर्स :- ” पत्रिका”