8 अगस्त 2022 हर भारतीय मेधावी छात्र का सपना होता है कि वह विदेश में जाकर पढ़ाई करे. मगर विदेशी संस्थानों तक पहुंच इतनी आसान नहीं होती कि हर छात्र वहां जाकर पढ़ाई कर सके. इसका प्रमुख कारण है महंगी फीस. एक अन्य कारण है जानकारी का अभाव. पहले तो दिमाग से ये बात निकाल देनी होगी कि विदेश में पढ़ाई का पूरा खर्च स्कॉलरशिप के जरिये माफ हो जाता है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. स्कॉलरशिप से पढ़ाई का खर्च खत्म नहीं बल्कि थोड़ा कम हो जाता है. विदेश में पढ़ाई करने का एक फायदा ये है कि वहां स्कॉलरशिप, अनुदान और वर्किंग स्टडी के जरिये छात्र पढ़ाई का खर्च 85 फीसदी तक कम कर सकते हैं.
विदेशी यूनिवर्सिटीज में मिलने वाली स्कॉलरशिप में ट्यूशन फीस में छूट, हॉस्टल खर्च व हवाई टिकट में आर्थिक मदद आदि मिलती है. इन स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए टेस्ट और इंटरव्यू से गुजरना होता है. कई यूनिवर्सिटीज फुल स्कॉलरशिप भी प्रदान करती हैं. ये स्कॉलरशिप केवल उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है जो दो देशों के बीच एग्रीमेंट के तहत एक-दूसरे के छात्रों को पढ़ाने की गारंटी के तहत चुने जाते हैं. भारत सरकार ने भी कई देशों के साथ इस तरह के समझौते कर रखे हैं. स्टूडेंट्स इसकी जानकारी शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं.
प्रमुख स्कॉलरशिप
इंग्लैंड में शेवनिंग यूके गवर्नमेंट स्कॉलरशिप, कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, इरास्मत स्कॉलरशिप, रॉयल सोसायटी ग्रांट, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के लिए टाटा स्कॉलरशिप, फुलब्राइट नेहरू मास्टर फेलोशिप फॉर इंडियन स्टूडेंट्स. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड भारतीय छात्रों को इंडिया ग्लोबल लीडर्स स्कॉलरशिप प्रदान करती है. न्यू साउथवेल्स यूनिवर्सिटी फ्यूचर ऑफ चेंज स्कॉलरशिप देता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को रोड्स स्कॉलरशिप और यूनिवर्सिटी ऑफ लिंकन इंडिया स्कॉलरशिप उपलब्ध है.
Source;-“न्यूज़ 18 हिंदी”