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सिक्किम की रानी होप कुक क्या सीआईए एजेंट थीं? – विवेचना

ByADMIN

Jun 24, 2023 ##prompt times, ##Sikkim

24 जून 2023 ! उस शाम उनकी आँखें लाउंज के कोने में बैठी एक युवा लड़की पर आकर रुक गईं. मिनटों में ही उन्होंने अपने दोस्तों से पता लगा लिया कि वो एक अमेरिकन छात्र हैं, भारत में छुट्टियाँ मनाने आई हैं और वो विंडामेयर होटल में कुछ दिनों के लिए ठहरी हुई हैं.

36 वर्षीय युवराज की पत्नी का देहाँत हो चुका था. उनके तीन बच्चे थे. वो एक शर्मीले शख़्स थे जो थोड़ा हकलाते थे. होप कुक की उम्र उस समय मात्र 19 साल थी. इस मुलाकात के बाद युवराज और होप अगले दो सालों तक नहीं मिले.

सन 1961 में होप कुक एक बार फिर भारत आईं और दार्जिलिंग के विंडामेयर होटल में फिर ठहरीं. बाद में उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘टाइम चेंज’ में याद किया, “मुझे नहीं पता कि युवराज को कैसे पता चल गया कि मैं विंडामेयर होटल में ठहरी हुई हूँ. इस बार मैं अकेले चाय पी रही थी कि उन्होंने पार्लर मे प्रवेश किया.”

“वो गोरखा रेजिमेंट में ऑनरेरी अफ़सर थे और वो गंगटोक से एक सैनिक कार्यक्रम में भाग लेने आए हुए थे. शाम को उन्होंने मुझे जिमखाना क्लब में अपने साथ डाँस करने के लिए आमंत्रित किया. उस रात वो बहुत अच्छे मूड में थे. उन्होंने मुझसे फुसफुसा कर कहा एक दिन हम दोनों वियना में साथ साथ घूमेंगे.”

उसी रात डाँस के दौरान ही युवराज ने होप से पूछा कि क्या वो उनके साथ शादी करने के बारे में सोचेंगी ?

युवा अमेरिकी होप कुक अभी 21 साल की भी नहीं हुई थीं. उन्होंने युवराज का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. कुछ ही दिनों के अंदर थोंडुप होप को गंगटोक ले गए. राजमहल को देखते ही होप सातवें आसमान पर पहुंच गईं.

सन 1963 में जब होप की सिक्किम के युवराज से शादी हुई तो अमेरिकी प्रेस ने उन्हें हाथों-हाथ लिया. उनकी तुलना हॉलिवुड की अभिनेत्री ग्रेस केली से की गई जिन्होंने मोनाको के राजकुमार रेनियर तृतीय से शादी की थी.

सन 1969 में टाइम पत्रिका ने ‘सिक्किम: अ क्वीन रिविज़िटेड’ शीर्षक से एक लेख छापा जिसमें बताया गया कि ‘होप सुबह 8 बजे सोकर उठती हैं. इसके बाद वो विदेश से मंगवाए गए अख़बार और पत्रिकाएं पढ़ती है. अगले चार घंटे वो लोगों को पत्र लिखने, खाने का मेन्यू तैयार करने और महल के 15 नौकरों को उनका काम सौंपने में बिताती हैं. उनका शाम का समय टेनिस का एक सेट खेलने और पार्टियों में जाने के लिए होता है. रात के भोजन से पहले वो स्कॉच और सोडा वॉटर लेती हैं. गंगटोक में तो वो हर जगह अपनी मर्सिडीज़ से जाती हैं लेकिन विदेश यात्रा इकॉनॉमी क्लास में ही करना पसंद करती हैं.’

चोग्याल और होप की शादी के बाद से ही पश्चिम ख़ासकर अमेरिका के सामाजिक और राजनीतिक हल्कों और प्रेस में उनके बारे में काफ़ी चर्चा होने लगी. होप भी इस तरह व्यवहार करने लगीं जैसे वो स्वाधीन सिक्किम की रानी बनने वाली हों.

न्यूज़वीक के 2 जुलाई, 1973 के अंक में लिखा गया, “होप ने जैकलीन केनेडी की स्टाइल में फुसफुसा कर बात करना शुरू कर दिया है. वो ‘मैं’ की जगह ‘हम’ शब्द का इस्तेमाल करती हैं और उम्मीद करती हैं कि उनके साथ उसी तरह का व्यवहार किया जाए जैसे महारानियों के साथ किया जाता है.”

होप कुक से मिलने वाले विदेशी मेहमानों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी. भारत में अमेरिकी राजदूत कीनेथ कीटिंग और अमेरिकी कांग्रेस के सिनेटर चार्ल्स पर्सी उनसे ख़ासतौर से मिलने गंगटोक आए.

रॉ के विशेष सचिव रहे जीबीएस सिद्धू अपनी किताब ‘सिक्किम डॉन ऑफ़ डेमोक्रेसी’ में लिखते हैं, “विदेशी लोगों से होप की इन मुलाकातों का असर ये हुआ कि पश्चिम में भारत के ख़िलाफ़ इस तरह का प्रचार होने लगा जैसे वो सिक्किम की स्वाधीनता में रोड़े अटका रहा हो. यहाँ ये कहना ज़रूरी है कि भारत पर 1950 की संधि को बदलने का ज़ोर लगाने के पीछे चोग्याल का हाथ था, लेकिन इसको अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में उनकी मदद कर रही थीं उनकी पत्नी होप कुक.”

सन 1966 में होप कुक ने नाम्ग्याल इंस्टीट्यूट की पत्रिका में ‘सिक्किमीज़ थियोरी ऑफ़ लैंडहोल्डिंग एंड द दार्जीलिंग ग्राँट’ शीर्षक से एक लेख लिखा. इस लेख में उन्होंने 1835 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को दार्जिलिंग ज़िला दिए जाने की वैधता पर सवाल उठाए.

उनका तर्क था कि दार्जिलिंग को सिर्फ़ लीज़ पर ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपा गया था. चूँकि सिक्किम पर राज परिवार का हक है, इसलिए दार्जिलिंग को सिक्किम को लौटाया जाना चाहिए. ये लेख एक राजनीतिक डायनामाइट साबित हुआ.

लेख पर सबकी नज़र इसलिए भी गई कि अप्रत्यक्ष रूप से इस इंस्टीट्यूट का संबंध सीआईए से रहा है. केन कॉनबॉए अपनी किताब ‘द सीआईए इन तिब्बत’ में लिखते हैं, “तिब्बत ऑपरेशन में शामिल होने वाले सीआईए के एजेंटों ने इसी इस्टीट्यूट में अंग्रेज़ी के पाठ सीखे थे.” इस पृष्ठभूमि में होप कुक के लेख के छपने को हिमालय में सीआईए प्लांट के तौर पर देखा गया था.

  सोर्स :-“BBC  न्यूज़ हिंदी”                                  

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