• May 10, 2024 12:35 pm

आपातकालीन समय पर जरुरतमंदों को रक्तदान के लिए 100 स्वयंसेवियों ने कराया पंजीयन

By

Nov 6, 2020
आपातकालीन समय पर जरुरतमंदों को रक्तदान के लिए 100 स्वयंसेवियों ने कराया पंजीयन Inbox
  • आपातकालीन समय पर जरुरतमंदों को रक्तदान के लिए 100 स्वयंसेवियों ने कराया पंजीयन 
  • कोरोना संकट में लोगों की मदद के लिए 7 माह में 2657 लोगों ने किए ब्लड बैंक में रक्तदान

दुर्ग, 5 नवंबर 2020। राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत कोरोना संकट के दौरान भी 29 अक्टूबर को जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 14 युवक- युवतियों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। कोरोना संक्रमण के बावजूद अक्टूबर में 365 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. जिझासा ने बताया इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर 2020 तक 7 महीनों में 23 रक्तदान शिविरों से 508 यूनिट रक्त का संग्रहण किया गया जबकि कोरोना संक्रमण के बाद भी अक्टूबर तक 2657 यूनिट रक्तदान किया गया। वहीं गत वर्ष अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक जिला अस्पताल में 6500 यूनिट रक्त संग्रहण हुए थे।        

सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर का कहना है, कोविड-19 महामारी के कारण रक्त संग्रहण में गिरावट आई है। बीते 7 महीनों में भी गत वर्ष के तुलना में आधे से कम रक्त संग्रह हुए है। ऐसे में थैलेसीमिया, सिकल सेल, हीमोफीलिया, गर्भवती महिलाओं एवं दुर्घटना जैसी परिस्थितियों में रक्त की आवश्यकता पड़ने पर काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकारी, गैरसरकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े 100 से ज्यादा रक्तदाताओं का पंजीयन किया गया है जिन्हें आपातकालीन समय में स्वैच्छिक रक्तदान करने के लिए संपर्क किया जाता है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में लगभग 600 यूनिट ब्लड स्टोरोज करने की क्षमता है।

इस वर्ष कोविड-19 संक्रमण की वजह से जिले में रक्तदान पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को रक्तदान के लिए जागरुक करने प्रचार प्रसार किया गया। सीएमएचओ ने कहा  रक्त दान स्वास्थ्य सेवाओं का अति आवश्यक अंग है। वर्तमान में आधुनिक तकनीकों के बावजूद रक्त को कृत्रिम रूप से बनाया नहीं गया है। इसका एकमात्र स्रोत रक्तदान हीं है। उन्होंने रक्तदान शिविर के दौरान रक्तदाताओं को स्वैच्छिक रक्तदान के लाभ के बारे में भी बताया।

ब्लड बैंक की काउंसलर आशा साहू ने बताया रक्तदान से पूर्व रक्तदाता की काउंसलिंग कर इससे होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी जाती है। ऐसे लोग जो स्वस्थ्य है वह रक्तदान के लिए पात्र होते हैं। कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए रक्तदाता को हैंडवाश करना, सेनेटाइजर का उपयोग और मास्क लगाना अनिवार्य है। सावधानियां व व्यक्तिगत सुरक्षा रख कर रक्तदान करने में किसी तरह का भी संक्रमण का खतरा नहीं होता। दरअसल रक्तदान के महत्व को लेकर किए जा रहे प्रचार-प्रसार के बावजूद आज भी बहुत से लोगों में कुछ गलत धारणाएं विद्यमान हैं, जैसे रक्तदान करने से संक्रमण का खतरा रहता है या  शरीर में कमजोरी आती है, बीमारियां शरीर को जकड़ सकती हैं ।

छत्तीसगढ राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ एसके बिंझवार ने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार देश में प्रतिवर्ष एक करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती है। छत्तीसगढ राज्य की कुल जनसंख्या 2.55 करोड़ के आधार पर 1 प्रतिशत रक्त की आवश्यकता होती है अर्थात 2.55 लाख यूनिट रक्त की प्रतिवर्ष जरूरत पड़ती है। रक्त की आवश्यकता की पूर्ति राज्य के कुल 94 ब्लड बैंकों (31 शासकीय और 63 गैर शासकीय ब्लड बैंक) के माध्यम से किया जाता है।  वर्ष 2019-20 में ब्लड बैंकों द्वारा 90 प्रतिशत रक्त यानि कुल 2,31,054 यूनिट रक्त संग्रहण किया गया। वहीं वर्ष 2020-21 (अप्रैल से अगस्त) तक ब्लड बैंकों द्वारा 30 प्रतिशत यानि कुल 67543 यूनिट रक्त संग्रहण किया गया है। वर्ष 2019 में स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े के दौरान 2,400 यूनिट रक्त संग्रहित किए गए थे। इस वर्ष कोराना वायरस के बावजूद भी 1,271  यूनिट यानी लगभग 50 फीसदी से ज्यादा रक्त संग्रह हुआ है। जबकि वर्ष 2019 में अक्टूबर महीने में 8,555 यूनिट रक्त संग्रह किए गए थे।

Inbox

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *