ऑस्ट्रेलिया के साथ चल रहे एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला के तीसरे और आख़िरी मैच में कप्तान विराट कोहली के लिए पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला सही साबित हुआ.
भारतीय टीम ने मानुका ओवल के मैदान में बुधवार को मेज़बान टीम को 13 रनों से मात दी.
तीन मैचों की इस वनडे सिरीज़ में भारतीय टीम बुधवार को अपना खाता ही खोल पाई जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले ही दो मैच जीतकर सिरीज़ अपने नाम कर चुकी थी.
हालांकि बुधवार को ऐसा लगा कि क़िस्मत भारत के साथ थी. कोहली ने इस सिरीज़ में पहली बार टॉस जीता और बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया.
वैसे भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर अपने जलवे दिखाने में नाकाम रहा लेकिन मध्य क्रम की बल्लेबाज़ी ने स्थिति संभाल ली.
हार्दिक पंड्या और रवींद्र जाडेजा ने 92 और 66 रनों की पारी खेलकर भारतीय स्कोर को पाँच विकेट के नुक़सान पर 302 रनों के मुक़ाम तक पहुँचाया.
गेंदबाज़ों की भूमिका
जब गेंदबाज़ी की बारी आई तो शरदुल ठाकुर, टी नटराजन और कुलदीप यादव ने भी कंगारुओं पर मेहमान टीम के हमले को नई धार दी.
वे नियमित अंतराल पर विकेट लेने में कामयाब रहे.
पिछले छह वनडे मैचों में बुधवार को ऐसा पहली बार हुआ कि भारतीय टीम पावर प्ले ओवर में कोई विकेट लेने में कामयाब हो पाई.
ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से एरोन फ़िंच ने 75 रनों का योगदान किया जबकि ग्लेन मैक्सवेल और एस्टन एगार ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी को संभालने की अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश की.
लेकिन मेज़बान टीम की तमाम कोशिशों के बावजूद विराट कोहली की टीम ये मैच 13 रनों से अपने नाम करने में कामयाब रही.
शिखर धवन कैच गंवा बैठे
303 रनों के लक्ष्य का बचाव करते हुए इस मैच से करियर की शुरुआत कर रहे गेंदबाज़ टी नटराजन ने मार्नस लाबुसचाग्ने को पारी के छठे ओवर में ही पवीलियन वापस लौटा दिया.
तब मार्नस सात रन ही बना पाए थे. हालांकि इसके अगले ओवर में जसप्रीत बुमरा एरोन फि़िच का विकेट उस वक़्त गंवा बैठे जब शिखर धवन फ़र्स्ट स्लिप पर उनका कैच गंवा बैठे.
शरदुल ठाकुर को अंतिम ग्यारह में जगह देने का फ़ैसला भी विराट कोहली के लिए अच्छा कहा जा सकता है.
शरदुल ठाकुर ने 12वें ओवर में स्टीव स्मिथ का विकेट चटकाया. तब स्मिथ सात के स्कोर पर थे और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर दो विकेट के नुक़सान पर 56 रन था.
इसके बाद पिच पर मोजेस हेनरिक्स आए जिनके साथ मिलकर फ़िंच ने 61 रनों की पार्टनरशिप की.
ठाकुर और जाडेजा
इससे पहले कि कंगारुओं को बढ़त मिलती शरदुल ठाकुर और जाडेजा ने हेनरिक्स को 22 रनों और फ़िंच को 75 रनों पर पवीलियन भेज दिया.
जब हेनरिक्स और फ़िंच ने मैदान छोड़ा, उस वक़्त ऑस्ट्रेलिया और जीत के बीच 180 रनों का फ़ासला था.
38 ओवर का मैच ख़त्म होने से पहले कैमरन ग्रीन 21 रन और एलेक्स कैरी 38 रन बनाकर पवीलियन वापस लौट चुके थे.
इसके बाद मेज़बान टीम का सारा दारोमदार ग्रेन मैक्सवेल के कंधों पर आ गया और उन्होंने अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश भी की.
मैक्सवेल ने 59 रन बनाए लेकिन ऑस्ट्रेलिया इसके बावजूद जीत से 35 रनों की दूरी पर था.
मैच का टर्निंग प्वॉइंट
45वें ओवर में जब जसप्रीत बुमरा ने ग्रेन मैक्सवेल को क्लीन बोल्ड किया तो भारत की उम्मीदें एक बार फिर परवान चढ़ीं.
ग्रेन मैक्सवेल के आउट होने के बाद टी नटराजन और शरदुल ठाकुर भारतीय हमले की कमान संभाली और ये सुनिश्चित किया कि ऑस्ट्रेलिया के अरमान हद में रहें.
इससे पहले विराट कोहली ने आख़िरी वनडे के लिए चार बदलाव किए और शुभमान गिल को टॉप ऑर्डर पर बल्लेबाज़ी करने भेजा.
हालांकि शुभमान गिल ने 39 गेंद पर 33 रन बनाए लेकिन सलामी जोड़ी कोई कमाल नहीं कर पाई और शिखर धवन 16 रनों पर सिएन एबॉट की गेंद पर आउट हो गए.
एक विकेट के नुक़सान पर जब भारत 26 रनों के स्कोर पर था तब विराट कोहली पिच पर आए. बुधवार को उन्होंने 63 रनों की पारी के साथ अपने करियर के 12 हज़ार रन पूरे किए.
ZEE