03 अक्टूबर 2022 | छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली है। हंडी चौक दुर्गा पूजा समिति इसका एक जीता जागता उदाहरण है। सलीम नियारिया साल 1988 से हंडी चौक पर दुर्गा उत्सव का प्रबंधन देख रहे हैं। वह पार्षद भी हैं। सलीम कहते हैं कि इस इलाके का सांप्रदायिक सौहार्द देश के लिए एक उदाहरण है। मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदाय एक दूसरे के त्यौहारों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
नवरात्रि पर रायगढ़ में 100 से अधिक पंडालों में दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई है। हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। बात करें अगर हंडी चौक की तो यहां सलीम नियारिया के नेतृत्व में दुर्गोत्सव मनाई जा रही है। आकर्षक आर्टिफिशियल फूलों से पंडाल सजाई गई है। हंडी चौक की दुर्गा प्रतिमा की एक और खासियत ये भी है कि इस प्रतिमा में मिट्टी का ही उपयोग किया गया है। मूर्ति के अलावा सभी साज सज्जा मिट्टी से बनाई गई है।
दफ्तर में हनुमान की पूजा करते हैं
सलीम वर्तमान में रायगढ़ नगर निगम के एमआईसी सदस्य हैं। वह न केवल देवी प्रतिमा की स्थापना करते हैं बल्कि नवमी के दिन विसर्जन से पहले समापन की भी सारी क्रियाओं को संपन्न करते हैं। उन्होंने क्षेत्र में एक हनुमान मंदिर की स्थापना भी कराई है। इसके अलावा नगर निगम के दफ्तर में भी वो हनुमानजी की फोटो रखे हैं। कार्यालय पहुंचने के बाद सबसे पहले वो हनुमानजी की पूजा करते हैं।
दुर्गा समिति में से तीन हैं मुसलमान
सलीम नियारिया ने दैनिक भास्कर को बताया कि हंडी चौक दुर्गा समिति में कुल 25 सदस्यों में से तीन मुसलमान ही हैं और दुर्गा उत्सव के आयोजन में वह काफी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। मुस्लिम कारीगर भी इस आयोजन का हिस्सा हैं जो देवी के पंडाल की साज-सज्जा करते हैं।