• May 17, 2024 3:51 pm

आटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली अपनाने से समय पर ट्रेनें चलने में मिलेगी मदद

17 फ़रवरी 2023 | दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे निरंतर ही आधुनिक एवं सुविधायुक्त तकनीकी का उपयोग कर ट्रेनों की समयबद्धता व अधिक से अधिक ट्रैफिक के लिए प्रयासरत है। आधुनिक व उन्न्त तकनीक के अंतर्गत परिचालन में संरक्षा को और बेहतर बनाने के साथ ही लाइन क्षमता में बढ़ोतरी तथा गाड़ियों की गतिशील परिचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड कर आटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में परिवर्तित किया जा रहा है।
गतौरा, दाधापारा जैसे प्रमुख स्टेशनों के बीच में इसका कार्य हो चुका है। अब बिलासपुर मंडल के चांपा-मड़वारानी स्टेशनों के मध्य आटोमेटिक सिग्नलिंग का कार्य किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत स्टेशन यार्ड के एडवांस स्टार्टर सिग्नल से आगे प्रत्येक किमी पर सिग्नल लगाए गए हैं।
जिसके लिए नान इंटरकनेक्टिविटी का कार्य करते हुए आटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली में परिवर्तित किया जा रहा है। अब इससे जुड़े जितने भी कार्य हो रहे हैं, उसके लिए एक भी ट्रेनों को रद नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा ट्रेनों को न तो आधे रास्ते में समाप्त किया जा रहा है और रिशेड्यूल हो रहा है।
चांपा-मड़वारानी स्टेशनों के मध्य आटोमेटिक सिग्नलिंग के संपूर्ण कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य के पूरा होते ही इस सेक्शन में भी ट्रेनों की समयबद्धता व परिचालन गतिशीलता भी बढ़ जाएगी। इस सिस्टम की खास बात यह है कि यदि आगे वाली सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाती है।

परिचालन में यह मिलता है फायदा

आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से रेल लाइनों पर ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार के साथ ही लाइन क्षमता बढ़ेगी तथा बेहतर संरक्षा सुनिश्चित होगी। इससे कहीं भी खड़ी ट्रेन को निकलने के लिए आगे चल रही ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का इंतजार भी नहीं करना पड़ता। एक ब्लाक सेक्शन में एक के पीछे दूसरी ट्रेन आटो सिग्नल के जरिए एक-दूसरे के पीछे चलती रहेंगी। यही व्यवस्थ समयबद्धता के लिए वरदान साबित होगी।

सोर्स :-“नईदुनिया”     

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