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37 दिनों बाद टेट-2009 के अभ्यर्थियों ने खत्म किया धरना, सांसद कुणाल घोष के आश्वासन पर बंद किया प्रदर्शन

09 नवंबर 2022  |  महानगर के धर्मतल्ला में पिछले 37 दिनों से वर्ष 2009 में टेट परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने मंगलवार को प्रदर्शन खत्म कर दिया। तृणमूल सांसद कुणाल घोष से बातचीत के बाद अभ्यर्थियों ने धरना बंद करने का फैसला किया। वर्ष 2009 के टेट अभ्यर्थियों का कहना है कि वो 13 साल से नौकरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह सभी अभ्यर्थी मूलतः दक्षिण 24 परगना के रहने वाले हैं। उनके साथ रहने वाले कई लोगों की नौकरी तो लगी पर उनकी नौकरी नहीं लगी। वो पिछले 13 सालों से नौकरी की मांग पर लड़ाई लड़ रहे हैं। 37 दिन पहले उन्होंने धर्मतल्ला में धरना शुरू किया था। वहीं 2016 में परीक्षा देने वाले अभी भी प्रदर्शरत हैं।

तृणमूल सांसद की बात पर हुए राजी

सोमवार को तृणमूल सांसद कुणाल घोष की बात पर अभ्यर्थियों ने धरना खत्म कर दिया।
कुणाल घोष ने अभ्यर्थियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही। अभ्यर्थियों ने कहा हम सालों से पागलों की तरह नौकरी की मांग कर रहे थे। तब किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी। अब जाकर कलकत्ता हाईकोर्ट और सरकार ने उनकी बात सुनी है। कुणाल घोष ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि मामले का फैसला अगले गुरुवार को है। सरकार अदालत के फैसले के बाद ही भर्ती का काम शुरू करेगी।

ममता सरकार ने किया था पैनल खारिज

शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक वर्ष -2009 में पिछली वाम सरकार के दौरान प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। टेस्ट भी हुआ। लेकिन तृणमूल सरकार सत्ता में आई और वर्ष -2009 भर्ती को रद्द कर दिया। 2014 में एक नयी परीक्षा आयोजित की गई। हालांकि दूरदराज के जिलों की भर्ती हो गई, लेकिन दक्षिण 24 परगना के अभ्यर्थियों की भर्ती रुक गई।

सोर्स :- “नवभारतटाइम्स       

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