• June 29, 2024 7:27 am

कोरोना के बाद अब भारत में नोरोवायरस दे रहा टेंशन, आखिर कैसे फैलती है यह बीमारी, जानें लक्षण से लेकर इलाज तक सबकुछ

देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी हो रही है। इस बीच केरल में एक नए वायरस के संक्रमण ने टेंशन बढ़ा दी है। राज्य में नोरोवायरस के पांच मामलों की पुष्टि हुई है। तीन बच्चों का अभी इलाज चल रहा है। केरल के एर्नाकुलम जिले में एक स्कूल में 63 बच्चे को अचानक उल्टी और डायरिया की शिकायत हुई। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्राइवेट स्कूल को अगले दो-तीन दिन बंद रखने का फैसला किया गया है। खास बात है कि बच्चों के अलावा कुछ पैरंट्स में भी इस बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं। जानते हैं आखिर यह नोरोवायरस है क्या। इस संक्रमण के लक्षण क्या है। क्या इसका इलाज संभव है।

 

नोरोवायरस क्या है, कैसे फैलता है?
नोरोवायरस एक बेहद ही संक्रामक वायरस है। नोरोवायरस को विंटर वोमिटिंग बग के नाम से भी जाना जाता है। नोवोवायरस संक्रमण में व्यक्ति को तेज उल्टी और डायरिया होता है। कई लोग नोरोवायरस को ‘द स्टमक फ्लू’ भी कहते हैं। हालांकि, इसका फ्लू या इंफ्लूएंजा से कुछ भी लेना देना नहीं है। यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर तेजी से फैलता है। इसके अलावा यह दूषित भोजन से भी फैलता है। इस संक्रामक वायरस का असर दो दिन से लेकर 6 दिन तक रहता है।

किसे है सबसे अधिक खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल नोरोवायरस के दुनियाभर में 68 करोड़ मामले सामने आते हैं। खास बात है कि इसमें से 20 करोड़ संक्रमित 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं। इस बीमारी से दुनियाभर में हर साल करीब दो लाख लोगों की मौत होती है। मरने वालों में बच्चों की संख्या लगभग 50 हजार होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि नोरोवायरस से सबसे अधिक खतरा कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को होता है। ऐसे में बच्चे और बुजुर्गों में इसके संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। कम आय वाले देशों में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या सबसे अधिक होती है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण

  • उल्टी
  • डायरिया
  • जी मिचलाना
  • पेट में दर्द या मरोड़ उठना
  • हल्का बुखार
  • सिरदर्द और बदन दर्द

नोरोवायरस का इलाज
नोरोवायरस को लेकर कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं है। इस संक्रमण में डॉक्टर रोगी को अधिक से अधिक लिक्विड लेने की सलाह देते हैं। इस बीमारी में शरीर में पानी की कमी होने से रोकने पर जोर होता है। इसके अलावा आराम करने की सलाह दी जाती है। साथ ही ऐसा भोजन खाने की सलाह दी जाती है जो आसानी से पच सके।

 

सोर्स :- “नवभारतटाइम्स

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