● रासेयो के स्वयं सेवकों ने पोस्टर चित्रकला, रंगोली,कविता -स्लोगन से दिया विश्व शांति का संदेश
रायगढ़ । पूर्वांचल स्थित बटमूल आश्रम कॉलेज, महापल्ली के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कार्यक्रम समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा एवं रायगढ़ जिला संगठक डॉ एस .के. एक्का के निर्देशानुसार तथा बटमूल आश्रम कॉलेज महापल्ली के प्राचार्य डॉ पी .एल .पटेल के संरक्षण में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर गजेंद्र चक्रधारी के कुशल नेतृत्व में वर्चुअल प्लेट फॉर्म का उपयोग करते हुए 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया । विश्व शांति दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय इकाई के स्वयंसेवकों के लिए रंगोली ,स्लोगन ,पोस्टर चित्रकला इत्यादि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकांश स्वयंसेवकों ने हिस्सा लेकर विश्व शांति का संदेश दिया। चित्रकला पोस्टर प्रतियोगिता में कुमारी संध्या सिदार एवं कु.तरनी गुप्ता संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त की। कुमारी खुश्बू मेहरा द्वितीय स्थान एवं तृतीय स्थान संयुक्त रूप से टिकेश्वरी पटेल एवं मंजूलता पटेल ने प्राप्त किए ।रंगोली प्रतियोगिता में कुमारी किरण साव प्रथम स्थान ।कविता स्लोगन -लेखन में कुमारी तरनि गुप्ता प्रथम ।कु.लता चौहान द्वितीय ।उर्मिला सिदार एवं किरण साव संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।पोस्टर चित्रकला स्लोगन कविता में प्रथम रही कु. तरनि गुप्ता ने लिखा कि “कली कोई मुरझाने पाए मिलकर रहेंगे हम सारे पल चाहे जैसे भी आए। घृणा बैर और नफरत तंज के हृदय में भी प्रेम बताएं अमन चैन की पवन चले और धरती पर खुशहाली आए ।खिला रहे यूं हर एक मुस्कान गुलशन कली कोई ना मुरझा पाए।।”लता चौहान लिखी कि- जब कभी सरहदों पर सिपाहियों का ना कोई डेरा होगा तब दुश्मनों के सिर पर सहेरा होगा ।तब हमें घुट -घुट मरना होगा। यदि हरा ले अन्य मुल्क कीसेनाएंअपनी ।तब ना कोई सरहदों की बेटियां होंगी हर सुबह खुशहाल सवेरा होगा विश्व में शांति होगी तभी हर मुल्क में विकास होगा ।उर्मिला सिदार लिखी कि – “वसुधैव कुटुंबकम” संपूर्ण विश्व एक परिवार की भांति है ।मानव जब सभी इच्छाओं को त्याग देता है और मैं और मेरी जैसी भावना से मुक्त हो जाता है तभी वह जीवन में शांति प्राप्त करता है।कु.किरण साव पोस्टर में लिखी कि- “खुशहाल हो जाएंगे सुनी भूलकर सब विवाद आगे बढ़ रही है फैलाने को विश्व में शांति का संवाद इतनी हुई जंग फिर भी कुछ हासिल ना हुआ। आओ प्रेम और शांति से एक दूसरे को करें आबाद।” आदि वाक्यों के द्वारा विविध प्रतियोगिता में भाग लेकर राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी स्वयंसेवकों ने विश्व शांति दिवस के अवसर पर शांति संदेश दिया उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तीन दशक पहले सभी देशों और उनके निवासियों में शांतिपूर्ण विचारों से सुदृढ़ बनाने के लिए समर्पित किया था ।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व के सभी देशों के नागरिकों के बीच शांति बहाल और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और झगड़ों पर विराम लगाने के उद्देश्य से 1981 से यह दिवस मनाया जा रहा है तथा प्रमुख रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा विश्व को दिए हुए शांति और अमन स्थापित करने के लिए पांच मूल मंत्र पंचशील के सिद्धांत जिन्हें हम जानते हैं कि इसके द्वारा उन्होंने विश्व को शांति की राह दिखलाई विविध धर्मों को एक नजरिए से देखना और विश्व में शांति कायम करना विश्व शांति दिवस का प्रमुख उद्देश्य है इन्हीं उद्देश्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए बटमूल आश्रम कॉलेज महापल्ली के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सभी स्वयंसेवकों ने अपने अपने घरों पर ही वर्चुअल प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए उक्त दिवस के विविधआयोजित गतिविधियों को संपन्न कर विश्व शांति का जागरण किया । उक्त कार्यक्रम की जानकारी राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर गजेंद्र चक्रधारी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।