14 फ़रवरी 2023 | 24 घंटे में एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा से एक लाख 41 हजार 219 टन कोयले का (प्रेषण) डिस्पैच किया गया है। यह कुसमुंडा का अभी तक का एक दिन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट ने कोयला डिस्पैच के क्षेत्र में दीपका को पीछे छोड़ दिया है। जबकि गेवरा से लगभग 20 हजार टन पीछे है।
इस उपलब्धि में एसईसीएल मुख्यालय में उत्साह है। स्थानीय प्रबंधन की तारीफ हो रही है। कंपनी मुख्यालय की ओर से बताया गया है कि 12 फरवरी को कुसमुंडा खदान से एक लाख 41 हजार 219 टन कोयला रेल या सड़क मार्ग के रास्ते उद्योगधंघों को भेजा गया है। इसी दिन दीपका से एक लाख एक हजार 494 टन कोयला डिस्पैच किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया ने एसईसीएल को 182 मिलियन टन कोयला डिस्पैच करने का लक्ष्य दिया है। इसे हासिल करने के लिए कंपनी प्रयास कर रही है। अभी तक कंपनी ने अलग-अलग कोयला खदानों से 137.26 मिलियन टन कोयला बिजली घरों या अन्य कारखानों को भेजा है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कंपनी के पास लगभग डेढ़ माह का समय है।
उल्लेखनीय है कि सीआईएल ने वर्ष 2021-22 के दौरान 622 एमटी का उत्पादन किया है। वर्ष 2022-23 के लिए 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करते हुए अब तक 513 एमटी का उत्पादन किया जा चुका है। उम्मीद है कि सीआईएल चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 700 एमटी के लक्ष्य को पार कर जाएगी।
2023-24 में एक बिलियन टन उत्पादन का लक्ष्यकोयला मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के दौरान कोयले के एक बिलियन टन (बीटी) से अधिक के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोयला सचिव ने सभी कोयला कंपनियों के साथ समीक्षा की है। सीआईएल के लिए 780 मिलियन टन (एमटी), सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड के लिए 75 एमटी और कैप्टिव और वाणिज्यिक खानों के लिए 162 एमटी का लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। सीआईएल में कुल 290 खानें परिचालन में हैं, जिनमें से 97 खानें प्रति वर्ष एक मिलियन टन से अधिक का उत्पादन करती हैं। ऐसी सभी 97 कोयला खानों के लिए भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, पर्यावरण मंजूरी, रेल संपर्क और सड़क संपर्क पर चर्चा की गई और इनके लिए समय-सीमाएं तय की गई है। उल्लेखनीय है कि कोयला कंपनियों के निरंतर प्रयास से 97 कोयला खानों में से 56 खानों के सन्दर्भ में कोई भी मामला लंबित नहीं है। केवल 41 खानों में 61 मुद्दे हैं, जिनके लिए कोयला कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा संबंधित राज्य सरकार प्राधिकरणों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ निरंतर समन्वय और निगरानी की जा रही है।
दो लाख आठ हजार टन खनन
उल्लेखनीय है कि सीआईएल ने वर्ष 2021-22 के दौरान 622 एमटी का उत्पादन किया है। वर्ष 2022-23 के लिए 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करते हुए अब तक 513 एमटी का उत्पादन किया जा चुका है। उम्मीद है कि सीआईएल चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 700 एमटी के लक्ष्य को पार कर जाएगी।
2023-24 में एक बिलियन टन उत्पादन का लक्ष्यकोयला मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के दौरान कोयले के एक बिलियन टन (बीटी) से अधिक के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोयला सचिव ने सभी कोयला कंपनियों के साथ समीक्षा की है। सीआईएल के लिए 780 मिलियन टन (एमटी), सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड के लिए 75 एमटी और कैप्टिव और वाणिज्यिक खानों के लिए 162 एमटी का लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। सीआईएल में कुल 290 खानें परिचालन में हैं, जिनमें से 97 खानें प्रति वर्ष एक मिलियन टन से अधिक का उत्पादन करती हैं। ऐसी सभी 97 कोयला खानों के लिए भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, पर्यावरण मंजूरी, रेल संपर्क और सड़क संपर्क पर चर्चा की गई और इनके लिए समय-सीमाएं तय की गई है। उल्लेखनीय है कि कोयला कंपनियों के निरंतर प्रयास से 97 कोयला खानों में से 56 खानों के सन्दर्भ में कोई भी मामला लंबित नहीं है। केवल 41 खानों में 61 मुद्दे हैं, जिनके लिए कोयला कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा संबंधित राज्य सरकार प्राधिकरणों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ निरंतर समन्वय और निगरानी की जा रही है।
दो लाख आठ हजार टन खनन