07 मार्च 2022 | भाजपा ने 10 दिन में 23 हजार बूथों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय पदाधिकारी से लेकर जिले स्तर के पदाधिकारी की ड्यूटी लगेगी। इस दौरान बूथ कमेटियों का सत्यापन भी किया जाएगा। निचले स्तर के कार्यकर्ताओं तक बड़े नेताओं की सीधी पहुंच हो, इसलिए तय किया गया है कि 10 दिन तक लगातार हर नेता को जाना होगा। यह कवायद अप्रैल में की जाएगी। इसके बाद मई में बेरोजगारी, राशन कार्ड की समस्या जैसे मुद्दों पर आंदोलन किए जाएंगे। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अब डेढ़ साल का समय है।
इससे पहले भाजपा ने हर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के लिए बड़ा अभियान शुरू करने की कार्ययोजना बनाई है। इसे कार्य विस्तार योजना का नाम दिया गया है, जिसमें चार हजार से ज्यादा शक्ति केंद्रों के लिए एक-एक प्रभारी तय किए जाएंगे। एक शक्ति केंद्रों में 5 से 8 बूथ होते हैं। 10 दिन में इन बूथों तक नेता जाएंगे। कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे। जिले के पदाधिकारियों को बूथ कमेटियों के गठन के लिए जो जिम्मेदारी दी गई थी, उसका सत्यापन किया जाएगा। पदाधिकारियों को जिन शक्ति केंद्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी, वहां लगातार दस दिन का कार्यक्रम होगा। इसकी संगठन स्तर पर निगरानी की जाएगी।
बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजयुमो तैयार करेगा बड़ा आंदोलन : भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने हर मोर्चा के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तय किए हैं। इसमें भाजयुमो को बेरोजगारी के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन करने का कार्यक्रम दिया गया है। इसके लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। हालांकि पार्टी ने मई महीने में एक के बाद एक आंदोलन करने की चर्चा की है। इससे पहले कार्य विस्तार किया जाएगा। किसान व महिला मोर्चा के लिए भी कार्यक्रम दिए गए हैं।
विधायक और सांसदों के लिए अब दोहरी भूमिका तय की गई
भाजपा ने विधायक और सांसदों के लिए दोहरी भूमिका तय की है। इसके अंतर्गत विधानसभा और लोकसभा में आक्रामकता से मुद्दे उठाने के साथ-साथ संगठन में भी सक्रिय भागीदारी करने कहा गया है। सांसदों को उन क्षेत्रों पर फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां भाजपा के विधायक नहीं हैं। राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम बस्तर और सरोज पांडेय कोरबा के पालक सांसद की भूमिका निभाएंगी।
Source;- ‘’दैनिक भास्कर’’