• May 14, 2024 6:46 pm

450 हेक्टेयर वन भूमि को खाली कराने का अभियान शुरू, पिछले तीन दशकों से था अवैध कब्जा

10 जनवरी 2023 |  असम के लखीमपुर जिले में 450 हेक्टेयर वन भूमि (Forest Land) को अवैध कब्जे से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को इस अभियान की शुरुआत की गई। उनके अनुसार 2560.25 हेक्टेयर संरक्षित वन में से सिर्फ 29 हेक्टेयर भूमि ऐसी है जो अतिक्रमण मुक्त है।

500 परिवार होंगे प्रभावित

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पावो संरक्षित वन के अंतर्गत आने वाली इस 450 हेक्टेयर भूमि को खाली करवाने में 500 परिवार प्रभावित होंगे। मंगलवार से शुरू हुए पहले चरण में 200 हेक्टेयर भूमि खाली करवाने का लक्ष्य रखा गया है। लखीमपूर एडिशनल सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस रूना निओग ने बताया कि 60 से अधिक एक्सेवेटर्स और ट्रेक्टर्स के साथ 600 सुरक्षाकर्मी सुबह से इस काम में लगे हुए हैं। अभियान सुबह से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। अभी तक हमें किसी भी प्रकार के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है। उम्मीद है कि अभियान बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाएगा।

अधिकतर लोग खाली कर चुके हैं घर

सुरक्षाबल पिछले कुछ दिनों से इलाके पर नजर रख रहे थे और अवैध कब्जेदारों से उनके घर खाली करने के लिए कह दिया गया था। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो मोघुली गांव की 200 हेक्टेयर जमीन मंगलवार को खाली करवा ली जाएगी। इस इलाके में 299 परिवार रहते हैं। इसके अतिरिक्त आधासोना गांव की 250 हेक्टेयर जमीन को मंगलवार शाम या बुधवार को खाली करवाया जाएगा। नोटिस मिलने के बाद अधिकतर लोगों ने घर खाली कर दिए हैं।

राज्य के विभिन्न इलाकों से आए हैं अतिक्रमणकारी

डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर अशोक कुमार देव चौधरी ने बताया कि 701 परिवारों ने पिछले तीन दशकों से पावो संरक्षित वन क्षेत्र पर अतिक्रमण कर रखा था। इन अवैध कब्जेदारों में राज्य के विभिन्न इलाकों के साथ ही ऐसे स्थानीय लोग भी हैं जो बाढ़ या भूस्खलन के कारण अपना स्थान छोड़कर यहां आ गए हैं। उन्होंने बताया कि लोगों ने पहले भूमि के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज पेश किए थे जिन्हें वर्तमान सरकार ने खारिज कर दिया था। गांव वालों का आरोप है कि पावो संरक्षित वन की सीमा में 2017 के बाद से बार-बार मनचाहा बदलाव किया गया है।

कई बार दे चुके हैं नोटिस

डिस्ट्रिक्ट डिप्टी कमिश्नर सुमित सत्तावन कहते हैं कि अतिक्रमण वाले इलाके में रहने वाले लोगों को वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की तरफ से दो साल पहले इलाका खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था। 7 सितंबर को नाओबोइचा के सर्किल ऑफिसर खुद अतिक्रमण करने वालों से मिले थे और उन्हें जगह खाली करने के लिए कहा था।

सोर्स :– ” जागरण ”   

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