09 अगस्त 2021 | जालंधर के शाहकोट में सरेबाजार कत्ल किए रोहित के मामले में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। रविवार देर शाम हत्यारों को पकड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ। इस दौरान तनातनी के बाद शाहकोट के पुलिस थाने पर पथराव कर गाड़ियां तोड़ी गई और एक ASI भी इसमें जख्मी हुआ। पुलिस ने देर रात इस मामले में डा. भीमराव अंबेडकर सोसाइटी के प्रधान जगतार सिंह उर्फ काली प्रधान, ब्लाक प्रधान तरलोक सिंह व अंबेडकर टाइगर फोर्स के यूथ विंग प्रधान हरजिंदर सिंह समेत 14 से ज्यादा लोगों पर कातिलाना हमले का केस दर्ज किया गया है।
वहीं, हत्यारों की गिरफ्तारी होने तक परिजन अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया था। हत्यारों को न पकड़ पाने के आरोपों से घिरी पुलिस ने अब इंसाफ मांगने वालों पर ही केस दर्ज कर दिया। जिस वजह से मामला और बिगड़ने की आशंका बन गई है।
शोर शराबा सुन पुलिस बाहर आई तो 100 से ज्यादा लोग
थाना शाहकोट के SHO सुरिंदर कुमार ने बताया कि रविवार को वह पुलिसकर्मियों के साथ थाने में मौजूद थे तभी बाहर शोर-शराबा होने लगा। वह बाहर निकले तो वहां 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जिनकी अगुवाई डा. भीमराव अंबेडकर सोसाइटी के प्रधान जगतार सिंह उर्फ काली प्रधान निवासी काकड़ कलां, ब्लाक प्रधान तरलोक सिंह निवासी सिंधड़ा, अंबेडकर टाइगर फोर्स के यूथ विंग प्रधान हरजिंदर सिंह सादिकपुर, संदीप कौर निवासी सादिकपुर, शरणदीप सिंह उर्फ जशन निवासी गांधी चौक, रमनदीप कुमार उर्फ रिक्की निवासी बागवाला, बवनजोत उर्फ बवन निवासी गांधी चौक, बब्बू निवासी पत्ती अकलपुर मलसियां, सुनील उर्फ ढिल्ला निवासी मोहल्ला बागवाला, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी निवासी मोहल्ला ढेरिया, गोपी निवासी पत्तो खुर्द, सुक्खा पत्तो खुर्द, साहिल निवासी अकलपुर खुर्द कर रहे थे। इनके साथ 80-85 लोग और थे। इन सभी लोगों के खिलाफ IPC की धारा 307, 353,186, 332, 323, 427, 506, 148, 149 और प्रिवेंशन ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 की धारा 3 व 4 के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस बोली : 25 मिनट तक पत्थरबाजी, 3 गाड़ियां टूटीं, हमने दीवार के पीछे छुपकर बचाई जान
SHO सुरिंदर कुमार ने आरोप लगाया, “जगतार सिंह उर्फ काली प्रधान ने मुझे मार देने की नीयत से सीधा ईंट का वार किया। मैं एक किनारे हो गया और ईट सीधे ASI कश्मीर सिंह की छाती में बाईं तरफ लगी। फिर तिरलोक ने पुलिस पार्टी पर ईंट चला दी, जो SI बलकार सिंह के पैर में लगी। हरजिंदर ने जो ईंट फेकी वो ASI सुलिंदर सिंह को लगी। इसके बाद एकदम से पूरी भीड़ ने पुलिस पार्टी पर पत्थरबाजी शुरू कर दी।”
पुलिस पार्टी से गाली-गलौच की गई और जान से मारने की धमकी दी गई। थाने के संतरी को घसीटा गया और उसकी वर्दी फाड़ दी गई। पुलिस पार्टी ने दीवार की आड़ लेकर मुश्किल से अपनी जान मचाई। इनमें बवनजोत बवन ने थाने की तरफ ईंट मारी जो सरकारी बोलेरो गाड़ी पर लगी। इसके अलावा भी 2 और गाड़ियों को तोड़ दिया गया। करीब 25 मिनट तक भीड़ थाने पर पथराव करती रही। इसके बाद वो धमकियां देते हुए वहां से फरार हो गए।
इंसाफ मांगने वाले बोले, पहले केस दर्ज नहीं किया, फिर आरोपी नहीं पकड़े, भीड़ को उकसाया
रोहित हत्याकांड में इंसाफ मांगने वालों ने कहा कि पहले शाहकोट पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया। उलटा उन पर ही कार्रवाई की धमकी देते रहे। इसके बाद आरोपी राहुल कल्याण उर्फ कालू व मोनू निवासी मोहल्ला ऋषि नगर, राहुल गोपी निवासी मोहल्ला बागवाला, सूरज हलदी निवासी मेन बाजार, मंगा मट्टू, रिंकू मट्टू व किट्टू निवासी बाजवा कलां के खिलाफ केस दर्ज किया लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया। आरोपी कांग्रेस नेता के रिश्तेदार हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वह शाहकोट में रोष मार्च निकाल रहे थे, जिसे पुलिस थाने के बाहर खत्म करना था। इसी दौरान आरोपियों के साथ के कुछ युवकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस वजह से माहौल बिगड़ गया। इसके बाद भीड़ नारेबाजी करने लगी। तभी पुलिस वहां आ गई और उनकी बात सुनने के बजाय कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की कोशिश की, जिस वजह से प्रदर्शनकारी भड़क उठे और बात पत्थरबाजी तक पहुंच गई। इसके बाद अभी तक रोहित का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। रोहित की शनिवार देर रात मौत हो गई थी।
Source;-“दैनिक भास्कर”