11 नवंबर 2022 | प्रदेश के 22 हजार गांवों को शहरों की तरह ही चमचमाती सड़कों, बिजली, पानी, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं देने सरकार ने ब्लूप्रिंट बनाया है। इससे गांवों के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठने की संभावना है। यानी जिस तरह का सपना पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने पुरा कांसेप्ट के रूप में देखा था वह फिर जिंदा होगा। इसकी शुरूआत पायलट प्रोजेक्ट से होगी। पंचायत विभाग इसके लिए गांवों की तलाश कर रहा है। इसका फायदा यह होगा कि इलाज, पढ़ाई, रोजगार आदि के लिए गांवों के स्टूडेंट व युवाओं तथा शिक्षित बेरोजगारों को शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा।
प्रदेश में कई ग्राम पंचायतें नगर पंचायतों में तब्दील हो गई हैं, लेकिन आज भी गांवों जैसी स्थिति है। वहां अब पीएमजीएसवाय और सीएम सड़क योजना से सड़कों को मजबूत किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसका प्लान तैयार कर लिया है। मंत्रालय में इसे लेकर जल्द ही बैठक होने वाली है।
मालूम हो कि डॉ. कलाम के पुरा कांसेप्ट का पूरा नाम प्रोविजन फॉर अरबन एमीनिटीज टू रूरल एरियाज है। इसका उद्देश्य गावों का विकास करना है। गांवों में शहरों की माफिक सुविधाएं देकर ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधारने के साथ ही उनके पलायन पर नियंत्रण करना भी है। यही प्लान राज्य सरकार का भी है।
प्लान में यह सब शामिल
- मास्टर प्लान में डिजिटल संसाधन अपनाना
- भौतिक, सामाजिक व आर्थिक मूल्यांकन।
- नगरीय निकायों में कर्मियों की क्षमता बढ़ाना।
- नगर पंचायतों की वित्तीय क्षमता बढ़ाना।
- वित्तीय व राजस्व स्रोत तलाशने प्रकोष्ठ ।
- वित्तीय संसाधनों का बेहतर उपयोग।
- निजी पूंजी निवेश को आकर्षित करना।
- ऋण प्राप्ति, पब्लिक बांड, सर्विस फीस, फाइन, चार्जेस, जन -सुविधाओं को सेवाकर के दायरे में लाना।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
लोगों के जीवन स्तर को कैसे ऊंचा उठाया जाए। इसका प्रयास है। इसे सरकार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। शहरीकरण की गतिशीलता एवं रोजगार की बदलती संरचनाओं, अर्थ व्यवस्था, महिला भागीदारी को गैर कृषि क्षेत्रों में बढ़ाने, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर काम होगा। – डॉ. के. सुब्रमणियम, अध्यक्ष शहरी विकास एवं प्रबंधन
सोर्स :- “दैनिक भास्कर”