30 नवंबर 2022 | चीन अपनी न्यूक्लियर फोर्स को काफी तेजी से बढ़ा रहा है। अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। दावा किया गया है कि चीन परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। अगर इसी स्पीड के साथ काम करता रहा तो 2035 तक चीन के पास 1500 परमाणु हथियार होंगे। अभी फिलहाल चीन के पास 350 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं।
सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस के पास 5,977, जबकि अमेरिका के पास 5,428 हैं। भारत के पास मात्र 159 ही परमाणु हथियार हैं।
अमेरिका सहित कई देश परेशान
पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने 2021 में 135 बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण भी किए। यह संख्या पूरी दुनिया में पिछले साल किए गए परीक्षणों में सबसे ज्यादा है। दुनिया का सबसे आबादी वाला देश अपनी बढ़ती हुई सेना को शक्तिशाली बनाने के लिए परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है।
अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि चीन की यह मंशा बेहद चिंताजनक है। यह देश राजनीतिक रूप से अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनने की शक्ति रखता है। चुनौती बनने के लिए एक बड़ा कारण तकनीक का भी है।
किस देश के पास कितने परमाणु हथियार?
स्टॉकहोम स्थित इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं। इनमें भारत, अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया शामिल हैं। इन देशों के पास मिलाकर कुल 12,705 परमाणु हथियार हैं। ब्रिटेन के पास 225, फ्रांस के पास 290 और चीन के पास 350 से ज्यादा हैं।
भारत को चीन से सबसे ज्यादा खतरा
एशिया में अभी चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती भारत बना हुआ है। अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में जापान भले आगे हो, मगर भारत की छवि ऐसे देश की है, जो बिना किसी महाशक्ति के सपोर्ट के भी अपनी जगह तेजी से बना रहा है।
ऐसे में चीन की प्राथमिकता हर मोर्चे पर भारत को रोकने की है। चीन मानता है कि अगर सामरिक मोर्चे पर वह भारत को उलझाता है तो पूरे एशिया को अपनी ताकत दिखा सकता है। साथ ही उसे यकीन है कि भारत के मामले में अमेरिका सीधे तौर पर नहीं उतरना चाहेगा। ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि 2023 में भारत-चीन सीमा एशिया में तनाव का सबसे बड़ा पॉइंट बन सकता है।
सोर्स :- “दैनिक भास्कर”