29 नवंबर 2022 | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार दूसरे दिन भी केंद्रीय एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग(आइटी) पर निशाना साधा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियां अपनी सीमाएं लांघ रही हैं। हमें भी कार्रवाई करने का अधिकार है। नागरिकों की रक्षा के लिए हम भी कार्रवाई कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन स्थित हैलीपैड के पास पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।
एक दिन पहले उन्होंने छह ट्वीट करके केंद्रीय एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कारोबारियों-अधिकारियों को बयान लेने के लिए ईडी-आइटी उन्हें मुर्गा बनाकर पीट रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गलत हो रहा है। मैं नहीं समझता कोई सरकार अथवा न्यायालय इसकी इजाजत देगी। ये अपनी सीमाओं से बाहर जाकर कार्रवाई कर रहे हैं। जबरन पीट रहे हैं। खाना दे रहे हैं तो पीने के लिए पानी नहीं दे रहे हैं। यह अमानवीय और बेहद दुर्भाग्यजनक बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी से प्रदेश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसी किसी भी हरकत की जानकारी हमें दें, आपकी सुरक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
न जाने कहां से रिमोट कंट्रोल का बटन दबा कि मुख्यमंत्री ने किए छह ट्वीट: डा. रमन सिंह
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री की ओर से ईडी-आइटी के खिलाफ किए गए छह ट्वीट पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल की पुलिस इतनी स्मार्ट है कि उत्तर प्रदेश जाते हैं तो वहां की पुलिस से संपर्क किए बिना ही पत्रकारों तक को गिरफ्तार करके लाते हैं। इससे बड़ा आश्चर्य क्या हो सकता है कि ईडी ने इतने बड़े कोयला घोटाले को प्रमाणित किया है। दस्तावेजी प्रमाण है। लगातार लोग गिरफ्तार हो रहे हैं और न जाने कहां से रिमोट कंट्रोल का बटन दब जाता है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं छह ट्वीट करते हैं। आज तक किसी मुख्यमंत्री को छह ट्वीट एक साथ करते नहीं देखा। इतनी बेचैनी और इतनी घबराहट क्यों है। सवाल जहां तक ईडी पर है तो वह अपनी कार्रवाई कर रही है। आज तक कोई लिखित में शिकायत नहीं हुई है। केवल मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंचती है, ऐसा लगता है।
रमन और भाजपा ईडी की प्रवक्ता न बने: कांग्रेस
कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और भाजपा पर जमकर वार किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस ईडी द्वारा लोगों से पूछताछ के दौरान मारपीट और दुर्व्यवहार के संबंध में भाजपा द्वारा ईडी के बचाव में की जा रही बयानबाजी बेहद ही आपत्तिजनक और अनेक संदेहों को जन्म देने वाली है। भाजपा स्वंयभू ईडी की प्रवक्ता बन गई है। जब-जब ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा होते हैं तो भाजपा के नेता उसके पक्ष में बयानबाजी करते नजर आते हैं। भाजपा बताए वह ईडी के द्वारा राज्य के व्यापारियों उद्योगपतियों के साथ की जा रही मारपीट और दुर्व्यवहार का समर्थन किस स्वार्थ के कारण कर रही है। इसमें तो लगता है ईडी का कार्रवाई की पटकथा भाजपा मुख्यालय में तैयार की जा रही है। प्रदेश के लोगों के साथ की जा रही मारपीट दुर्व्यवहार रमन सिंह के इशारों पर किया जा रहा है।
रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत में ईडी की कार्रवाई का समर्थन भी किया है। कोई राजनेता किसी एजेंसी की गैर कानूनी कामों का समर्थन कैसे कर सकता है? किसी भी जांच एजेंसी को कानून के दायरे में संदेही से पूछताछ करने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी व्यक्ति के साथ मारपीट, गाली-गलौज, शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का कोई अधिकार नहीं है। ईडी और आईटी की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराने की मांग की जा रही है तो भाजपा को आपत्ति क्यों है? ईडी और आइटी को कार्रवाई की सूचना स्थानीय पुलिस प्रशासन को देने कहा जा रहा है तो भाजपा क्यों परेशान हो रही है?
सोर्स :-“नईदुनिया”