13 अगस्त 2022 | कई साहित्यकार इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उनकी पुस्तकों का प्रकाशन होकर पुस्तक हाथ में आ चुकी है, लेकिन किसी ना किसी कारणवश वे उसका लोकार्पण या विमोचन नहीं करवा पाए। ऐसे सभी साहित्यकारों को अपनी पुस्तक का विमोचन कराने का मौका अब दिया जा रहा है। 16 अगस्त को भोपाल के राज्य संग्रहालय में आयोजित ‘हिंदी साहित्य में नदी’ विमर्श पर केंद्रित एक आयोजन रखा गया है। इस आयोजन में साहित्य क्षेत्र के कुछ वरिष्ठ अतिथि उपस्थित रहेंगे। इसी कार्यक्रम के उत्तरार्द्ध में ऐसे रचनाकारों की कृतियों का लोकार्पण किया जा सकेगा, जो अपनी पुस्तकों का केवल लोकार्पण चाहते हैं, उस पर चर्चा नहीं करवाना चाहते हैं।
इस संबंध में एक पोस्ट साहित्य अकादमी के निदेशक डा. विकास दवे ने इंटरनेट मीडिया पर डाली है और इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि साहित्यकार अपनी कृति के लोकार्पण के लिए इस कार्यक्रम में आ सकते हैं। उन्हें बस कुछ बातों का ध्यान रखना है, जैसे कार्यक्रम में प्रारंभ से उपस्थित रहें, ताकि प्रथम सत्र के भी आप सहभागी बनें। द्वितीय सत्र में उनकी कृति का लोकार्पण किया जाएगा, तब तक धैर्य रखें। समय की बचत के लिए अपनी कृति को रेपर में पैक करके न लाएं, पुस्तकें खुली रखें। कार्यक्रम में आपके नाम का उल्लेख होते ही मंच पर आएं, अतिथियों को अपनी कृतियां दें और लोकार्पण की प्रक्रिया संपन्न करा लें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आने-जाने का खर्च साहित्यकार को खुद वहन करना होगा।
16 अगस्त को है आयोजन
16 अगस्त को शाम 5.30 बजे राज्य संग्रहालय, श्यामला हिल्स में लेखक डा. सुधीर आजाद की पुस्तक ‘नदी, मैं तुम्हें रुकने नहीं दूंगा’ का लोकार्पण है। इस मौके पर नदी पर विमर्श भी किया जाएगा। कार्यक्रम की विशेष अतिथि मंत्री उषा ठाकुर होंगी। अध्यक्षता पद्मश्री महेश शर्मा करेंगे। मुख्य अतिथि पुष्पेंद्र पाल सिंह होंगे।
सोर्स :-“नईदुनिया”