भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर तेजी से फैलने लगा है, जिससे सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के मौजूदा हालात को देखते हुए केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन की 81 लाख डोज की मांग की है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की और उनसे कहा कि एमपी के लिए कोरोना के डोज बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश को कोरोना वैक्सीन के 18 लाख डोज मिले हैं, लेकिन संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए और ज्यादा वैक्सीन की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर कहा कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर समेत प्रदेश के कई शहरों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है. महाराष्ट्र से लगे जिलों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उन्होंने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की अपील करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए अभी और सावधानी बरतने की जरूरत है.
भोपाल गैस पीड़ितों की भी बात
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से कोरोना के अलावा भोपाल गैस पीड़ितों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया कराने की भी मांग की है. उन्होंने केंद्र से जबलपुर के कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए केंद्रीय अनुदान की राशि बढ़ाने की मांग की. साथ ही प्रदेश में खुलने वाले 3 नए मेडिकल कॉलेजों में भी केंद्र सरकार से सहयोग मांगा.
सीएम के निर्देश पर भोपाल में सख्ती
कोरोना के बढ़ते केस के बीच मुख्यमंत्री का निर्देश मिलने के बाद राजधानी भोपाल का प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा है कि भोपाल में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने के लिए सख्ती की जाएगी. सड़कों या बाजारों में जाने वालों को मास्क पहनना होगा. जो लोग गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे, उनका चालान कटेगा. राजधानी में नाइट-कर्फ्यू के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि इस पर अभी विचार किया जा रहा है.
संक्रमण बढ़ने पर कांग्रेस हमलावर
मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार को आम लोगों की रोजी-रोटी की भी चिंता करना चाहिए. कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के लिए उन्होंने सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताया. साथ ही कहा कि अगर जल्दी कदम नहीं उठाए गए, तो महाराष्ट्र की तरह एमपी में भी कई जिलों में लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. पूर्व मंत्री ने देर रात तक खुलने वाली शराब दुकानों को लेकर भी फैसला लेने की जरूरत बताई.