• May 16, 2024 2:55 am

सब्जियों के दाम गिरने से ग्राहक खुश और किसान परेशान, कीमत न मिलने से फसल पर चला रहे ट्रैक्‍टर

21  दिसंबर 2022 |  वर्तमान समय में सब्जी कम भाव में बिक रही है. इससे किसानों के चेहरे मुरझाए हैं, तो वहीं बाजार में सब्जियों के दाम कम होने से उपभोक्ता खुश है. मंडियों में पत्तागोभी, टमाटर, आलू और प्याज के दाम 2 रुपए किलो से 10 रुपए किलो हैं. इसके चलते किसानों को इन फसलों की लागत तक नहीं मिल पा रही है. पश्चिमी यूपी से लेकर कर्नाटक तक के किसान परेशान है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ के तातर पुर गांव के किसान विपिन त्यागी 12 बीघे में लगाए पत्ता गोभी के खेतों पर ट्रैक्टर चला रहे हैं.  पत्ता गोभी की इस खेती में उनकी लागत करीब 1 लाख रुपए आई. लेकिन अब मंडी में 10 हजार रुपए भी नहीं मिल रहे हैं. पत्ता गोभी इस वक्त मंडी में 1 से 2 रुपए किलो बिक रही है, तो मंडी ले जाने का कोई मतलब नहीं है.

किसान विपिन त्यागी ने बताया “12 बीघे में पत्ता गोभी लगाया था. लेकिन इस साल रेट ही नहीं है. एक कट्टा में 50 रुपए से 80 रुपए मिल रहे हैं. क्या करेंगे मंडी ले जाकर सब्जी.” इस इलाके में विपिन त्यागी जैसे हजारों किसानों को इस साल पत्ता गोभी की खेती में लाखों का नुकसान हुआ है. यहां से 10 किलोमीटर दूर बागड़पुर गांव के किसान जीतेंद्र 24 बीघे के पत्ता गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा रहे हैं. किसान जीतेंद्र कुमार ने बताया कि एक कट्टा पत्ता गोभी के काटने की मजदूरी 40 से 50 रुपए है. फिर इसको मंडी तक पहुंचाने में खर्चा, जबकि मंडी में एक कट्टा 50 रुपए से 80 रुपए में बिक रहा है तो क्या फायदा है.

दिल्ली के मंडी में पत्ता गोभी 7 रुपए किलो है, जबकि बैगन 18 रुपए किलो, फूल गोभी 25 रुपए किलो, टमाटर 20 रुपए और आलू-प्याज 25 रुपए किलो. पश्चिमी उप्र में इस साल आलू के किसानों को भी खासा नुकसान हो रहा है. आलू के दाम मंडी में 10 से 12 रुपए किलो बिक रहा है, जबकि कर्नाटक के किसानों को टमाटर का भाव 5 रुपए किलो मिल रहा हैं और प्याज के दाम 4 रुपए से 20 रुपए किलो तक.

जानकारों का कहना है कि पिछली बार सब्जियों के भाव अच्छे मिलने से इस बार किसानों ने सब्जियां ज्यादा उगाईं.  इसके चलते उपभोक्ताओं को सब्जी सस्ते में मिल रही है, जबकि किसानों को नुकसान हो रहा है.

महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि तमाम किसान संगठन केरल की तर्ज पर राज्यों से सब्जियों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग कर रहे हैं. ताकि मांग और आपूर्ति के समीकरण में किसानों को कम से कम न्यूनतम दाम फसलों का मिलता रहे.

सोर्स : NDTV इंडिया”   

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