19-अक्टूबर-2021 | दिल्ली सरकार बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए एक बार फिर जॉब पोर्टल की शुरुआत करने जा रही है। इसके अंतर्गत 14 अक्तूबर को रोजगार विभाग की ओर से इस संबंध में निविदाएं मंगाई गई हैं। पिछले साल केजरीवाल सरकार की ओर से शुरू किए गए पोर्टल-1.0 की सफलता को देखते हुए अब रोजगार बाजार 2.0 पोर्टल की तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह देश में अपनी तरह का पहला ऐसा जॉब मैचिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जहां एंट्री लेवल पर भी नौकरियों के लिए युवाओं को आवेदन का मौका मिलेगा। 14 अक्तूबर को रोजगार विभाग की ओर से इस संबंध में निविदाएं मंगाई गई हैं। नया पोर्टल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित होगा।
उप-मुख्यमंत्री व रोजगार मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि रोजगार बाजार 1.0 पोर्टल पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कोरोना महामारी के दौरान लांच किया गया। बेरोजगार हुए युवाओं और छोटे व्यवसायियों को काफी फायदा मिला। मौजूदा पोर्टल के जरिये नौकरी की चाहत रखने वाले 14 लाख से अधिकके लिए 10 लाख नौकरियों का विज्ञापन पहले ही दिया जा चुका है। नए रोजगार बाजार 2.0 पोर्टल के माध्यम से केजरीवाल सरकार देश में अपनी तरह के पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कौशल प्रशिक्षण, कॅरियर मार्गदर्शन और नौकरी से संबंधित तमाम सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगी।
असंगठित श्रमिकों की भी पोर्टल तक होगी पहुंच
असंगठित श्रमिकों की डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंच बनाने के लिए दिल्ली सरकार रोजगार बाजार प्लेटफॉर्म के विस्तार के तहत नए केंद्रों की भी शुरुआत करेगी। रोजगार बाजार 1.0 पोर्टल के अनुभवों के आधार पर मौजूदा पोर्टल को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जॉब पोर्टल में बेस्ट-इन-क्लास प्रैक्टिस को शामिल किया जाएगा। रोजगार बाजार 2.0 किसी भी राज्य सरकार में नागरिकों को रोजगार देने के लिए अपनी तरह का अनूठा प्लेटफॉर्म होगा। जॉब मैचिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्मार्ट-मैचिंग और नियोक्ता सत्यापन प्लेटफॉर्म के जरिये दूसरी सुविधाएं भी मुहैया की जाएंगी। युवाओं को स्किलिंग, कॅरियर गाइडेंस, स्किल क्रेडेंशियल और ऑटोमेटेड एनालिटिक्स से युवाओं के हुनर को और तराशने का मौका मिलेगा। इस प्लेटफॉर्म पर युवाओं को कॅरियर गाइडेंस भी दिया जाएगा ताकि पसंदीदा क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकें। इसके अनुभवों से सरकार को नीतियां तैयार कर जमीनी स्तर पर लागू करने से नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
Source;-“अमर उजाला”