• April 28, 2024 3:30 am

बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं को गुलाल लाने की मनाही, जानें क्यों लिया गया बड़ा निर्णय

वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर ने पहली बार मंदिर में गुलाल ले जाने पर रोक लगा दी है. मंदिर प्रशासन के मुताबिक श्रद्धालु मिलावटी, केमिकल युक्त और सिलेंडर वाले रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो सही नहीं है.

होली के त्योहार में महज अब दो से तीन दिन रह गए हैं. मथुरा वृंदावन की होली पूरे देश में काफी खास मानी जाती है. यहां होली खेलने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. रंगों के त्योहार से एक महीने पहले ही यहां पर धूम मच जाती है. इस बार बांकेबिहारी मंदिर के प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है.

गुलाल ले जाने पर रोक
वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर ने पहली बार मंदिर में गुलाल ले जाने पर रोक लगा दी है. मंदिर प्रशासन के मुताबिक श्रद्धालु मिलावटी, केमिकल युक्त और सिलेंडर वाले रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो सही नहीं है. प्रशासन ने 24 मार्च तक मंदिर परिसर में केमिकल युक्त नकली गुलाल, सिलेंडर वाले रंग लाने और इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है. इसके लिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी गार्ड की तैनात किए गए हैं.

…इसलिए लिया गया निर्णय
मंदिर प्रशासन के मुताबिक केमिकल युक्त नकली गुलाल, सिलेंडर वाले रंगों से दर्शनार्थियों के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ रहा है. श्रद्धालु मंदिर में आते हैं और नकली गुलाल मार्केट में उड़ाते हैं. इससे मंदिर परिसर में सफोकेशन हो जाता है जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसके चलते गुलाल लाने पर रोक लगा दी गई है.

 

कई दिन पहले मच जाती है धूम
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने की शुरुआत होते ही ब्रज में होली की धूम मच जाती है. रंगो वाली होली 25 मार्च से खेली जाएगी लेकिन मथुरा-वृंदावन की गलियों में होली शुरू हो चुकी है. पहले लड्डू मार होली, लठ्मार होली, फूलों वाली होली खेली गई. इन कई तरह की होली का आनंद लेने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. इन श्रद्धालुओं के लिए बहुत तैयारियां भी की गई हैं.

रंगों में सरोबर हुए भक्त
होली के अवसर पर बांकेबिहारी मंदिर को खास तरीके से सजाया जाता है. मंदिर के रंगों में सरोबर होने के लिए भक्तों की कतारे मंदिर खुलने के समय से कई घंटो पहले ही लग जाती है. रंगभरी एकादशी पर मंदिर के गेट 8 बजकर 45 मिनट पर खुलने की जगह 5 बजकर 50 मिनट पर ही खोल दिए गए. इसके बाद सोने की पिचकारी से टेसू के रंगों की बौछार भक्तों पर की गई.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

source zee news

 

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