• May 19, 2024 10:47 pm

बारिश के साथ पेट में इंफेक्शन के न हों शिकार, अपनाएं स्वामी रामदेव के बताए ये टिप्स

1 जून 2023 ! हसरतें कुछ और है, वक्त की इल्तजा कुछ और है। हम सोचते कुछ और है होता कुछ और है मुश्किल से हफ्ते भर पहले गर्मी जान ले रही थी। पारा 45 के पार जाने के कयास लगाये जा रहे थे। कम बारिश होने की आशंका जाहिर की जा रही थी लेकिन ऊपर वाले की ऐसी माया कि पूरी तस्वीर ही बदल डाली। मौसम के इस जादू को देखकर  आप भी खुश हो जाइए झमाझम बारिश और ठंडी हवा से लोगों को राहत मिल रही है वक्त पर प्री मानसून की एंट्री हो गई है। हां, बेशक उन लोगों को थोड़ा अच्छा नहीं लग रहा होगा जो झुलसती गर्मी से राहत के लिए इस हफ्ते पहाड़ों पर जाने की प्लानिंग में थे। क्योंकि पहाड़ों वाला मजा, दिल्ली-NCR समेत देश के 9 राज्यों में बिल्कुल मुफ्त मिल रहा है।

वैसे बारिश के मौसम में कुदरत बेशक खूबसूरत लगती हो लेकिन सेहत बिगाड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ती क्योंकि इस मौसम में वायरस-बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं जाहिर है इससे वायरल-बैक्टीरियल अटैक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। ठीक बात इस मौसम में वायरस-बैक्टीरिया, सांस के जरिए या फिर खाने-पीने के जरिए घुसपैठ करते हैं और डायजेस्टिव सिस्टम को खराब करते हैं जिससे सबसे पहले डायरिया का रिस्क बढ़ता है, तो वहीं मौसम डैम्प होने से कॉन्स्टिपेशन की परेशानी भी बढ़ जाती है। होता क्या है, पैट में बैक्टीरिया और वायरस के इंफेक्शन का असर लिवर,पैन्क्रियाज और आंतों पर पड़ता है और 100 में 60 लोगों का पेट अपसेट हो जाता है।

एक और बात अगर बारिश के मौसम में गले में खराश सर्दी और फ्लू महसूस हो तो, इसके लक्षणों को नजरअंदाज मत कीजिएगा क्योंकि बरसात के मौसम में स्टमक इंफेक्शन भी इसकी वजह बनता है। मतलब ये कि पाचन का ख्याल रखिए ताकि आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे क्योंकि मजबूत इम्यूनिटी पेट पर हुए बैक्टीरियल-वायरल हमले को फेल कर देती है 70 परसेंट बीमारी के रिस्क को कम करती है। तो चलिए, आज पेट की सफाई और आंतों को मजबूत बनाने के लिए योगिक फॉर्मूला अपनाते हैं।

सोर्स :-” इंडिया TV ”              

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