• May 9, 2024 6:04 pm

छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार में जुटे शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, कहा- जनता ने बनाया बदलाव का मन

अक्टूबर 31 2023 ! शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान इन दिनों छत्तीसगढ़ में व्यस्त हैं. प्रधान छत्तीगढ़ की सीमा से लगे ओडिशा से आते हैं इसलिए यहां के उम्मीदवारों के लिए उनके रोड शो और चुनाव प्रचार में लोग भारी संख्या में उमड़ रहे हैं. इसलिए धर्मेन्द्र प्रधान को अब भरोसा हो चला है कि जनता ने बदलाव का मन बना लिया है. तभी तो वो अपने हर रोड शो और जन सभाओं में यही नारा लगाना शुरू कर दिया है “अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो”. यानी अब कांग्रेस राज नहीं सहा जाएगा, इसे बदल कर रहेंगे. धर्मेन्द्र प्रधान छत्तीसगढ़ की राजनीति से पूरी तरह वाकिफ हैं क्योंकि बतौर सह प्रभारी और चुनाव प्रभारी वे दो बार बीजेपी की विधानसभा चुनावों में जीत का हिस्सा थे.

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के डुमरमुंडा इलाके में अपने रोड शो और फिर जनसभा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की मौजूदगी और रोड शो में जनता का जोश देख कर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि राज्य में बीजेपी के लिए अभूतपूर्व जनसमर्थन है. उन्होंने कहा कि वादाखिलाफी करने वाली, किसानों को छलने वाली, माफिया को संरक्षण देने वाली भ्रष्ट कांग्रेस सरकार का जाना तय है. प्रधान ने मंच से दावा किया कि रायगढ की जनता को उत्साह और प्रेम ये जता रहा है कि छत्तीसगढ़ ने बीजेपी को आशीर्वाद देकर फिर से सेवा का अवसर देने का मन बना लिया है. प्रधान ने भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाते परहुए कहा कि छत्तीसगढ़ और रायगढ़ के लोगों को जन कल्याण से वंचित रखकर गांधी परिवार गांधी परिवार का एटीएम भरने वाली भूपेश सरकार के खिलाफ जनता का हर तरफ आक्रोश है.

रायगढ़ जिले के बीजेपी उम्मीदवारों के नामांकन से पूर्व धर्मेन्द्र प्रधान ने एक विशाल रोड शो किया और फिर विजय विश्वास रैली को संबोधित भी किया. उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की भी जनता को याद दिलाते हुए कहा कि अटलजी की दूरदृष्टि और पीएम नरेन्द्र मोदी के कल्याणकारी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य बन कर उभरा है. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही तीन राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड 2001 में अस्तित्व में आए थे और लगातार तीन चुनावों में यानी 2018 तक छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था.

2018 चुनावों में बीजेपी को जनता ने नकार दिया था. लेकिन 2023 में तैयारियों में थोड़ा पिछड़ने के बावजूद प्रचार में जो गति पकड़ी है उससे आला नेतृत्व को लगने लगा है कि वहां चमत्कार हो सकता है.

   सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”   

 

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