रायपुर। अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मौजूद रहेंगे। भगवान राम के ननिहाल की माटी भी 14 दिनों में अयोध्या पहुंच जाएगी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गोभक्त और रामकथा वाचक के रूप में मशहूर मुहम्मद फैज खान ने चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर की मिट्टी लेकर पदयात्रा शुरू कर दी है। फैज ने रायपुर के जयस्तंभ चौक से पदयात्रा शुरू की, जो बिलासपुर, अमरकंटक, शहडोल, प्रयागराज होते हुए 796 किलोमीटर दूर अयोध्या पहुंचेगी। फैज अयोध्या पहुंचने के लिए रोज करीब लगभग 60 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे।
‘लोगों के रोम-रोम में बसे हैं श्रीराम’
मुहम्मद फैज खान ने कहा, ”भगवान का ननिहाल दक्षिण कौशल भले ही अब छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है, लेकिन प्रभ श्रीराम लोगों के रोम-रोम में बसे हैं।” उन्होंने कहा कि इसी क्षेत्र से भगवान 14 वर्षो की वनवास यात्रा के दौरान भी गुजरे थे। सनातन परंपरा के अनुसार, हर शुभ कार्य में ननिहाल का योगदान होता है। यहां के लोगों की इच्छा और भावना है कि भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए उनके ननिहाल से भी भेंट दी जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की तरफ से यह भांचा (भांजा) भेंट है।
‘जय श्रीराम’ लिखे हुए लाल कपड़े से बांधी गई मिट्टी
उन्होंने बताया कि कौशल्या मंदिर की माटी को चांदी की डिब्बी में रखा गया है, जिसको ‘जय श्रीराम’ लिखे हुए एक लाल कपड़े से बांधा गया है। मंत्रोचार के बीच मंदिर से मिट्टी को एकत्र किया गया। पंडित के निर्देशन में फैज ने माता के मंदिर की परिक्रमा की और मिट्टी लेकर यात्रा के लिए निकल पड़े हैं। इस मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान की प्रतिमा का पूजन होता है। बता दें, पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम प्रस्तावित है।
5 अगस्त को होगी राम मंदिर का भूमि पूजन
बता दें, अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन प्रस्तावित है। हालांकि, पांच अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। साकेत गोखले की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ ने कहा है कि याचिका कल्पनाओं पर आधारित है। फिर भी कोर्ट ने आयोजकों व राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि वे सोशल व शारीरिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम करेंगे।