कोलकाता: आईआईटी खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने कृषि गतिविधियों में किसानों की मदद और जलवायु संबंधी जोखिमों को कम करने के लिये एक उन्नत मौसम पूर्वानुमान प्रणाली विकसित की है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। आईआईटी खड़गपुर के प्रवक्ता ने कहा कि संस्थान ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ मिलकर किसानों को विभिन्न मौसमी परिस्थितियों में उत्पादन बढ़ाने के लिये कृषि-परामर्श देना भी शुरू कर दिया है।
किसानों को मिलेगा फायदा
अधिकारी ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रायोजित दो परियोजनाएं हैं। ‘ग्रामीण कृषि मौसम सेवा’ और ‘अंतरिक्ष, कृषिमौसम विज्ञान और भू-आधारित पर्यवेक्षण का इस्तेमाल कर कृषि उत्पादन पूर्वानुमान लगाना’ – किसानों को आर्थिक फायदा दिलाने के लिये उन्हें मौसम संबंधी जानकारी उपलब्ध कराती हैं।
संस्थान के कृषि एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर दिलीप कुमार स्वैन ने कहा, “कृषि पूर्वानुमान में फसल चयन, बुवाई का समय, जमीन को तैयार करने, और अपज आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। यह भविष्य के मौसम और खास जगह पर जमीन के चरित्र पर आधारित है।” किसानों को खाद, सिंचाई, कीटनाशक देने के बारे में हर फसल चक्र में प्रत्येक हफ्ते जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
उन्होंने कहा, “पांच दिन के मौसम पूर्वानुमान पर आधारित कृषि परामर्श हर हफ्ते मंगलवार और शुक्रवार को तैयार कर किसानों के मोबाइल फोन पर भेजा जाता है।”यह परामर्श अभी बंगाली में पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा, बीरभूम और पुरुलिया जिलों के करीब तीन लाख किसानों को भेजा जा रहा है।
बता दें कि देश इस वक्त पहले ही कोरोना संकट से जूझ रहा है। ऐसे में सभी लोग अपने स्तर पर इस वायरस से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में इस वक्त देश में लगाए गए लॉकडाउन के चलते परेशान भी हैं। फिलहाल देश में अनलॉक की प्रक्रिया लागू है, लेकिन कई राज्यों में संक्रमण को बढ़ता देख लॉकडाउन फिर से लागू किया गया है।