• May 3, 2024 9:39 am

जबलपुर में 50 रुपए की किताब बेच रहे थे 65 में; जांच करने गई टीम से मारपीट,दुकान सील

08 अप्रैल 2022 | जबलपुर में बुक सेंटर संचालक की गुंडागर्दी सामने आई है। बुक सेंटर संचालक MRP से ज्यादा दाम पर किताबें बेच रहा था। शिकायत पर नायब तहसीलदार टीम के साथ पहुंचे, तो उनके साथ मारपीट की गई। सूचना पर ओमती पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, दुकान संचालक समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। साथ ही, अफसरों ने दुकान भी सील कर दी है।

स्कूल खुलने के बाद कॉपी-किताबों और ड्रेस बेचने वाले दुकान संचालकों की लूट से अभिभावक परेशान हैं। किताबों के MRP से ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। ऐसी ही शिकायतें नौदराब्रिज स्थित चिल्ड्रन बुक हाऊस को लेकर सामने आ रही थीं। कलेक्टर के आदेश पर शुक्रवार को नायब तहसीलदार रांझी सुरेश सोनी, नापतोल इंस्पेक्टर आरके ढोके, प्राचार्य शासकीय स्कूल रामपुर संकुल, और पटवारी कमल धुर्वे के साथ जांच करने पहुंचे।

नायब तहसीलदार के साथ विवाद की सूचना पर पहुंची ओमती पुलिस।

नायब तहसीलदार के साथ विवाद की सूचना पर पहुंची ओमती पुलिस।

ग्राहक बनाकर भेजा, रंगे हाथ पकड़ा

दुकान में NCERT की 8वीं की साइंस की बुक 65 रुपए में बेची जा रही थी, जबकि उसकी MRP 50 रुपए है। टीम ने कस्टमर से उक्त बुक खरीदवाई थी। अधिक कीमत पर जैसे ही टीम कार्रवाई करने लगी, तो दुकान संचालक अखिलेश वर्मा और उसके साथी भड़क गए। अफसर दुकान सील करने लगे, तो यहां मौजूद लोग टीम के साथ झूमाझटकी कर मारपीट पर उतारू हो गए। दुकान पर अखिलेश वर्मा के परिजन धनेश वर्मा, सूर्य प्रकाश वर्मा, शशांक श्रीवास्तव, हर्षित सहित अन्य लोग भी पहुंच गए।

सूचना पर पहुंची पुलिस

सूचना मिलते ही ओमती टीआई एसपीएस बघेल बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने धनेश वर्मा, हर्षित, शशांक श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, उक्त तीनों समेत चिल्ड्रन्स बुक हाउस दुकान मालिक अखिलेश वर्मा, सूर्य प्रकाश वर्मा, व अन्य लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, बलवा करने, मारपीट आदि धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

दुकान को सील करते हुए प्रशासनिक अधिकारी।

दुकान को सील करते हुए प्रशासनिक अधिकारी।

स्टीकर चिपका कर बेच रहा था किताब

जानकारी के अनुसार दुकान संचालक पुराने मूल्य की किताबों पर नया स्टीकर चिपका कर बेच रहा था। एनसीईआरटी के अलावा दूसरी कॉपी–किताबों पर भी दर्ज मूल्य से ज्यादा कीमत पर किताबें बेची जा रही थीं। अभिभावकों द्वारा आपत्ति जताने पर बहस करने लगता था।

Source :- “दैनिक भास्कर”

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