• May 3, 2024 2:01 am

INDIA गठबंधन में कलह की इनसाइड स्टोरी, अखिलेश के बाद क्यों नाराज हुए नीतीश कुमार?

नवंबर 2 2023 !  इंडिया गठबंधन की बैठक में तय हुआ था कि तीस अक्टूबर तक सीटों के बंटवारे पर फार्मूला तय हो जाएगा. गठबंधन में शामिल गैरकांग्रेसी पार्टियों ने नवंबर में बैठक करने का मन बनाया था. लेकिन विधानसभा चुनावों में फंसे होने के बहाने कांग्रेस ने इसे टाल दिया. एनसीपी ने तो गठबंधन की अगली बैठक के लिए जगह और तारीख भी बता दी थी. कहा गया था कि नागपुर में पहले हफ्ते में मीटिंग कर ली जाए. लेकिन कांग्रेस की तरफ से मैसेज दिया गया कि ये अभी संभव नहीं है.

नीतीश कुमार से लेकर अरविंद केजरीवाल तक जल्द जल्द सीटों का बंटवारा कर लेना चाहते हैं. अखिलेश यादव की भी यही राय है. बैंगलुरु की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई. तीस सितंबर को हुई मीटिंग में तय हुआ था कि अगली बार जब हम मिलें तो चुनावी तालमेल का पहला राउंड हो जाए. इसके लिए 30 अक्टूबर की डेडलाइन भी तय कर दी गई. बताया जाता है कि राहुल गांधी भी इसके लिए तैयार हो गए. लेकिन फिर इसके आगे कुछ नहीं हुआ.
मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में ठन गई है. सीटों के बंटवारे पर ऐसी कलह मची कि गठबंधन टूटने की कगार पर है. कुछ ही हफ्ते पहले तक अखिलेश यादव कहते थे ‘जीतेगा इंडिया’. अब वही अखिलेश यादव कहते हैं- हमारी तैयारी लोकसभा की सभी 80 सीटों की है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तो अब कांग्रेस का नाम लेने से भी बचते हैं. अपनी कोर टीम की मीटिंग में उन्होंने कह दिया कि कांग्रेस से गठबंधन करने पर उन्हें कभी फायदा नहीं हुआ. तो क्या ऐसी हालत में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के रास्ते अलग अलग हो सकते हैं. जानकार करते हैं कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है.
यहां तक तो ठीक था. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के लिए एमपी में सीट नहीं छोड़ी. ऐसे में अखिलेश यादव का नाराज होना स्वाभाविक है. लेकिन अब तो नीतीश कुमार भी उसी रास्ते पर हैं. जबकि कांग्रेस ने न उनके खिलाफ कुछ कहा और न कुछ किया. बिहार के मुख्यमंत्री ने ही विपक्षी एकता की शुरुआत की थी. बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद कोलकाता, पटना, दिल्ली, भुवनेश्वर और मुंबई जाकर विपक्षी नेताओं से मुलाक़ातें की थी. इंडिया गठबंधन की पहली बैठक भी पटना में ही हुई थी. नीतीश कुमार ने तो ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का मन जानते हुए भी उनके घर जाकर उनसे भेंट की थी. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी मनाने में वे कामयाब रहे. लेकिन कांग्रेस के ‘बड़े भाई’ वाले व्यवहार से वे बड़े आहत हैं.

पटना का मंच था ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ का, लेकिन नीतीश कुमार कांग्रेस के खिलाफ ही मन की बात करने लगे. बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा- कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की अब कोई चिंता नहीं है. कांग्रेस को पांच राज्यों के चुनाव की ज्यादा चिंता है. इंडिया गठबंधन और 2024 के चुनाव को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हो रही है.

पटना में कांग्रेस के एक और कार्यक्रम में लालू यादव और नीतीश कुमार को बुलाया गया था. मंच पर दोनों के पोस्टर भी लगे. लालू यादव गए लेकिन नीतीश कुमार का इंतजार ही होता रहा. नीतीश कुमार ये भी जानते हैं कि लालू यादव और गांधी परिवार के बड़े अच्छे रिश्ते हैं.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी इंडिया गठबंधन के कुछ घटक दलों में जारी झगड़े से परेशान हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के किचकिच पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के लिए ये अच्छे संकेत नहीं है.

कांग्रेस अभी पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनावों में जुटी है. पार्टी के सभी छोटे बड़े नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं. पार्टी के रणनीतिकार अभी लोकसभा चुनावों को लेकर सीटों का बंटवारे पर बातचीत करने के मूड में नहीं है. उनका मानना है कि इस बार कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन सकती है. ऐसा होने पर पार्टी और राहुल गॉंधी के पक्ष में राष्ट्रव्यापी माहौल बन सकता है. ऐसे हालात में चुनावी तालमेल करने में कांग्रेस का पलड़ा भारी होगा. तब कांग्रेस अपनी शर्तों पर समझौता करने की स्थिति में होगी. इंडिया गठबंधन के बाकी घटक दल भी इस बात को बखूबी जानते हैं. इसी माइंड गेम के बहाने इंडिया गठबंधन में आपसी कलह जारी है.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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