रायपुर | 02 अगस्त 2021 | इंदौर में जुलाई में अभी तक के सबसे कम 141 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनमें से केवल 14 लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई। यह खुलासा काॅन्टैक्ट ट्रैसिंग में हुआ है। इसकी बड़ी वजह थी कि पॉजिटिव आए लोगों में से 93 ने वैक्सीनेशन कराया हुआ था। इसमें से 58 को सिंगल डोज और 35 को डबल डोज लगा था। डबल डोज वाले घर पर ही ठीक हो गए जबकि सिंगल डोज वाले में भी 3 को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। खास बात यह है कि बिना टीके वाले 48 में से 11 को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
वैक्सीन वाले पॉजिटिव मरीजों ने बताया कि उन्हें काफी कम लक्षण नजर आए। सांस लेने में भी कोई परेशानी नहीं हुई और न ही ऑक्सीजन लेवल गिरा। इसका कारण था कि ज्यादातर लोगों में सिंगल डोज के बाद भी एंटीबॉडी बनी हुई थी। इससे वायरस का प्रभाव कम रहा। डबल डोज वाले को भर्ती होने की नौबत नहीं आई।
कौन कैसे आया संक्रमण की चपेट में
- 23 मरीज इंदौर के बाहर के थे
- 15 मरीज अन्य राज्यों में घूमने गए थे
- 67 मरीज शादी, जन्मदिन जैसे आयोजनों में शामिल हुए थे
- 20 मरीज बिना मास्क पहने बाजार गए थे
- 16 मरीज घर पर ही थे या वर्कप्लेस गए थे
पिछले 24 घंटे में 2 पॉजिटिव मिले
इंदौर में पिछले 24 घंटे में 8440 सैंपल टेस्ट किए गए, जिसमें से दो मरीज पॉजिटिव मिले हैं, जबकि 2 मरीज रिपीट पॉजिटिव पाए गए। अब तक जिले में कुछ 20 लाख 57 हजार 927 मरीजों के सैंपल जांचे गए हैं। इनमें 1 लाख 52 हजार 994 मरीज संक्रमित पाए गए। अच्छी बात यह रही कि इनमें से 1 लाख 51 हजार 568 मरीज ठीक होकर घर लौट गए। हालांकि इस महामारी ने 1391 की जान ले ली। आज की स्थिति में सिर्फ 34 मरीज एक्टिव हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
जुलाई में संक्रमण की स्थिति
कोविड के 17 माह में जुलाई 2021 ऐसा पहला महीना रहा है, जिसमें कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है और म़ृत्यु दर भी शून्य रही है। इसके पहले मार्च 2020 में सबसे कम चार मरीजों की मौत हुई थी। जुलाई ऐसा महीना भी बन गया है, जिसमें सबसे कम 141 मरीज सामने आए हैं। (मार्च 2020 में 46 मिले थे, लेकिन केवल आठ दिन में)। इसके पहले किसी भी माह में एक हजार से कम मरीज नहीं मिले हैं। पॉजिटिव दर भी मात्र 0.05% रही है। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि बीते साल अगस्त-सितंबर में कोरोना की लहर आई थी और एकदम से मरीज बढ़े थे, महाराष्ट्र, केरल में लगातार मरीज आ रहे हैं, इसलिए इंदौर में भी लगातार अलर्ट रहने की जरूरत है।
जुलाई में यह हुआ
- सैंपल जांच- दो लाख 80 हजार
- पॉजिटिव- 141
- पॉजिटिव दर- 0.05%
- ठीक हुए- 213
- मौत व मौत दर- 0%
Source;-“दैनिक भास्कर”