• June 30, 2024 11:59 pm

फिर से इतिहास रचने के लिए तैयार है ISRO, चीफ सोमनाथ ने Chandrayaan-4 को लेकर बताया पूरा प्लान

ByADMIN

Jun 28, 2024

इसरो ने मिशन चंद्रयान-4 की तैयारी शुरू कर दी है. इस मिशन के जरिए भारत एक बार फिर इतिहास लिखने जा रहा है. अगर इसरो इस मिशन में सफल हो जाता है तो यह दुनिया का चौथा देश होगा.

23 अगस्त 2023 जब पूरी दुनिया की नजरें भारत पर थीं. वह दिन ऐसा था जिसे याद करके आज भी आंखों में आंसू आ जाते हैं और ये आंसू खुशी के होते हैं. भारत द्वारा चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग देख दुनिया हैरान रह गई. साइकिल और बैलगाड़ी पर रॉकेट को ढ़ोने वाला इसरो ने चांद पर कदम रखकर दुनिया को बता दिया कि भारतीय किसी से कम नहीं है. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद एक बार फिर इसरो तैयार चंद्रयान-4 के लिए, जो फिर से दुनिया को चौंकाने वाला है.

अब लॉन्च होगा चंद्रयान-4

चंद्रयान-4 को लेकर इसरों में अपने प्लान बताया है. इसरो के चीफ सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-4 चांद से सैंपल लेकर भारत की धरती पर वापस लौटेगा. उन्होंने बताया कि एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा बल्कि अंतरिक्ष यान के दो हिस्सों को दो लॉन्चिंग के जरिए चांद की ऑर्बिट में भेजा जाएगा. चंद्रमा पर लैंडिंग होने से पहले ही अंतरिक्ष यान को स्पेस में कनेक्ट किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-4 चांद की सतह से सैंपल लेकर वापस धरती पर आएगा. इस मिशन को दो बार में लॉन्च किया जाएगा. इसके बजाय अंतरिक्ष यान के विभिन्न हिस्सों को दो लॉन्च के जरिए ऑर्बिट में भेजा जाएगा.

क्यों दो हिस्सों में लॉन्च होगा स्पेसशिप?

उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर उतरने से पहले ही अंतरिक्ष में जोड़ने का काम किया जाएगा. प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-4 को दो भागों में भेजने की योजना इसलिए बनाई गई क्योंकि चंद्रयान-4 की वहन क्षमता इसरो के पास वर्तमान में उपलब्ध सबसे शक्तिशाली रॉकेट से अधिक होने की उम्मीद है. यह दुनिया में पहली बार होगा, जब किसी अंतरिक्ष यान को दो हिस्सों में लॉन्च किया जाएगा और फिर अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा.

आखिर क्या है असली मकसद?

अब सवाल ये है कि चंद्रयान-4 का असली मकसद क्या है? इसके बारे में बताया गया कि चंद्रयान-4 का असली उद्देश्य चंद्रमा की सतह से नमूने इकट्ठा करना और उन्हें वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए हमारे ग्रह यानी पृथ्वी पर वापस लाना है. आपको बता दें कि अब तक रूस, अमेरिका और चीन ही ऐसा कर पाए हैं. अगर भारत ऐसा करता है तो वह दुनिया का चौथा देश होगा. बताया जा रहा है कि यह लैंडिंग भी चंद्रयान-3 की जगह यानी शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास होगी.

SOURCE – NEWS NATION

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *