• July 1, 2024 5:15 am

खतरनाक है पेट के बल सोना-उम्र से पहले चेहरे पर दिखेगा बुढ़ापा, इस पॉश्चर में सोने से बचें

22 जनवरी2022 | बढ़ती ठंड के मौसम में सुबह थोड़ी और देर सोने की चाहत होती ही है। अलार्म बजने और नींद पूरी हो जाने के बाद भी, 10 मिनट की और नींद लेने की इच्छा बनी रहती है। इस दौरान हम किसी ऐसे पॉश्चर में सो जाते हैं, जिसका बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। उन्हीं में से एक है महिलाओं का पेट के बल सोना। सोने का यह तरीका कितना नुकसानदायक है, बता रहे हैं श्री वैद्य आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के डॉ. दिनेश कुमार।

सोने की गलत आदत, उम्र पर भारी

सारा दिन घर-परिवार संभालने के बाद रात तक महिलाएं थककर चूर हो जाती हैं। ठंड के मौसम में पीठ और बदन में अकड़न या पेट में दर्द की वजह से उल्टा सोने की गलती कर बैठती हैं। यह आदत उम्र पर भारी पड़ सकती है। इस पॉश्चर में सोने की वजह से शरीर को सांस लेने में ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस तरह से सोते हुए शरीर ग्रेविटी गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ जाकर शरीर ऊपर की ओर उठता है। ऐसे में नींद पूरी हो जाने के बाद भी शरीर ने से यह समस्या होती है, क्योंकि शरीर के ऊपरी हिस्से का भार पूरी तरह से ब्रेस्ट पर पड़ता है। थकान और आलस की स्थिति में होता है।

इस पॉश्चर में सोना सेहत के लिए क्यों है बुरा?

ब्रेस्ट पेन – इस पॉश्चर में सोने से महिलाओं को अक्सर ब्रेस्ट पेन की दिक्कत होती है। घंटों इस तरह लेटे रहने से ब्रेस्ट पर दबाव पड़ता है, जो दर्द का कारण बनता है।

झुर्रियों – पेट के बल सोने की वजह से स्तनों के अलावा चेहरे भी दबता है। जिसकी वजह से त्वचा सांस नहीं ले पाती है और कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां और पिंपल्स की परेशानी शुरू होने लगती है।

बदहजमी – इस तरह सोने की वजह से पेट दबता है। इस कारण खाना ठीक तरह से हजम नहीं हो पाता, जो कब्ज और बदहजमी की स्थिति पैदा कर देता है।

सिरदर्द – पेट के बल सोने की वजह से सिरदर्द की समस्या हो सकती है। दरअसल, इस तरह से सोने के दौरान गर्दन सीधी नहीं रह पाती है, जिसकी वजह से ब्रेन की ब्लड सप्लाई प्रभावित होती है, जो सिरदर्द और कभी कभी गर्दन दर्द की वजह बनती है।

गर्भावस्था में खतरा – गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में इस तरह सोया नहीं जाता, लेकिन पहली तिमाही में इस तरह सोने से प्रेग्नेंसी प्रभावित होती है। डॉक्टरों के अनुसार भूलकर भी इस तरह नहीं सोना चाहिए।

पेट के बल सोना कब बेहतर है?

जिस तरह पेट के बल सोने के कई नुकसान हैं, उसी तरह इसके कुछ फायदे भी हैं। पीठ या पेट दर्द के दौरान पेट के बल सोने से थोड़ी राहत मिलती है। जिन्हें खर्राटे की शिकायत होती है, वे भी इस तरह सोएं, तो खर्राटे की आवाज धीमी पड़ जाती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इस तरह लेटने की प्रक्रिया कुछ समय के लिए ही फायदेमंद है। घंटों इस तरह सोने से बचना चाहिए।

Source;-“दैनिक भास्कर”

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