22 दिसंबर 2022 |नजफगढ़ ड्रेन का कायाकल्प और यमुना में होने वाले प्रदूषण नियंत्रित करने के लिएजल्द ही चंडीगढ़ में उपराज्यपाल के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री की बैठक होगी। इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए एलजी वीके सक्सेना ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से यमुना में होने वाले प्रदूषण से निपटने में सहयोग का आग्रह किया। हरियाणा से यमुना नदी में होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में की जा रही पहल में हरसंभव मदद का हरियाणा ने भरोसा दिया है।
यमुना में नजफगढ़ ड्रेन से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हरियाणा सरकार जल्द उचित कदम उठाएगी। नजफगढ़ ड्रेन से होकर बहने वाली नालियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी प्रस्ताव दिया था। इसपर विस्तृत चर्चा के लिए जल्द होने वाली संयुक्त बैठक में इस मुद्दे को सुलझाया जाएगा। जल्द ही एलजी के साथ दिल्ली के अधिकारी, चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे।
नजफगढ़ नाले से यमुना में 40 फीसदी होता है प्रदूषण
यमुना नदी में नजफगढ़ नाला से करीब करीब 40 फीसदी प्रदूषण होता है। इनमें से हरियाणा से बहने वाले तीन नालों से करीब 36 फीसदी तक प्रदूषण होता है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के 32 नालों से यमुना में 44 फीसदी, जबकि शेष नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले 52 नालों से 20 फीसदी प्रदूषण होता है। हरियाणा से दिल्ली में यमुना के प्रवेश करने पर पल्ला में कुल फीकल कोलीफॉर्म 1100 है। आईएसबीटी तक पहुंचने के बाद कोलीफॉर्म लोड बढ़कर 2,10,000 के बराबर हो जाता है।
अब तक 12 किमी दायरे में सफाई
एलजी की तरफ से नजफगढ़ ड्रेन के कायाकल्प के लिए व्यक्तिगत रूप से निगरानी और पर्यवेक्षण शुरू किए जाने के बाद अब तक करीब 12 किलोमीटर के दायरे में सफाई की जा चुकी है। 32 नालों का नवीनीकरण किया जा रहा है ताकि इनमें फंसे गाद या सीवेज को यमुना नदी मं प्रवेश करने से रोका जा सके। इनमें से पांच नालों पर एमसीडी ने प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।