• May 14, 2024 6:37 pm

13 जनवरी को मनाई जाएगी लोहड़ी, जान‍ें पूजन व‍िध‍ि और पूजा सामग्री

11 जनवरी २०२२ | लोहड़ी यूं तो सभी के लिए खास पर्व होता है लेकिन शादीशुदा नए जोड़ों के लिए यह बेहद खास होता है. इस दिन घर की नई बहु को फिर से दुल्हन की तरह तैयार किया जाता है. इसके बाद वह अपने पूरे परिवार के साथ लोहड़ी के पर्व में शामिल होती हैं.

प्रत्‍येक वर्ष मकर संक्रांति से एक दिन पहले की रात को लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. लोहड़ी हर साल 13 जनवरी को मनाई जाती है. लोहड़ी मुख्य रूप से सिख समुदाय (Sikh Community) का त्योहार माना जाता है लेकिन आज के समय में अन्य समुदाय के लोग भी इस मनाने लगे हैं. भारत के पंजाब और हरियाणा में इस त्योहार की रौनक देखने लायक होती है. लोहड़ी का त्योहार विशेषरूप से उत्तर भारत के प्रसिद्ध पर्वों में से एक है. आमतौर पर इसे शरद ऋतु के अंत और मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. आइए जानते हैं क्‍या है लोहड़ी की पूजन व‍िध‍ि और पूजा सामग्री

पूजन विधि और पूजा सामग्री
लोहड़ी का पर्व देश में कई जगहों पर मनाया जाता है. इस दिन श्रीकृष्‍ण, आदिशक्ति और अग्निदेव की विशेषतौर पर पूजा की जाती है. लोहड़ी के दिन घर में पश्चिम दिशा में आदिशक्ति की प्रतिमा या फिर चित्र स्‍थापित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद प्रतिमा पर सिंदूर और बेलपत्र चढ़ाएं. भोग में रेवड़ी और तिल के लड्डू चढ़ाएं. इसके बाद सूखा नारियल लेकर उसमें कपूर डालें. अग्नि जलाकार उसमें तिल का लड्डू, मक्‍का और मूंगफली अर्पित करें फिर इसकी 7 या 11 बार परिक्रमा करें. मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से महादेवी की कृपा जातक पर पूरे वर्ष बनी रहती है. साथ ही कभी भी धन-धान्‍य की कमी नहीं होती.

लोहड़ी पर नई दुल्हन
लोहड़ी यूं तो सभी के लिए खास पर्व होता है लेकिन शादीशुदा नए जोड़ों के लिए यह बेहद खास होता है. इस दिन घर की नई बहु को फिर से दुल्हन की तरह तैयार किया जाता है. इसके बाद वह अपने पूरे परिवार के साथ लोहड़ी के पर्व में शामिल होती हैं. साथ ही लोहड़ी की परिक्रमा करके बड़े-बुजुर्गों से अपने शादीशुदा जीवन के खुशहाल बने रहने का आशीर्वाद प्राप्‍त करती हैं.

लोहड़ी के पकवान
लोहड़ी पर्व अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण पर्वों में से एक है. इस द‍िन विशेष पकवान बनाए जाते हैं. इसमें गजक, रेवड़ी, मुंगफली, तिल-गुड़ के लड्डू, मक्के की रोटी और सरसों का साग प्रमुख होते हैं. लोहड़ी से कुछ दिन पहले से ही छोटे बच्चे लोहड़ी के गीत गाकर लोहड़ी के लिए लकड़ियां, मेवे, रेवडियां, मूंगफली इकट्ठा करने लग जाते हैं. अब लोहड़ी में पारंपरिक पहनावे और पकवानों की जगह आधुनिक पहनावे और पकवानों को भी शाम‍िल क‍िया गया है.

 (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. PROMPT TIMES इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

Source :- “न्यूज़ 18 हिंदी “

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