अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन की पहचान लंदन आई (London Eye) से आकार में करीब डेढ़ गुना बड़ा उल्का पिंड (Meteoroid) धरती की ओर बढ़ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक लंदन आई की उंचाई 443 फीट है और ये उल्का पिंड उसकी तुलना में लगभग 50 फीसदी बड़ा हो सकता है. नासा ने इसे एस्टेरॉयडल 2020ND नाम दिया है, जो काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
ब्रिटिश एजेंसी बर्मिंघम लाइव के मुताबिक ये उल्का पिंड 24 जुलाई को धरती के सबसे नजदीक होगा तब इसकी लोकेशन 0.034 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट हो सकती है. एजेंसी के मुताबिक “पोटेंशियली हैजड्रस यानी संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह (PHAs) वो पैमाना है, जिसमें अंतरिक्ष वैज्ञानिक उन तत्वों में शामिल करते हैं जो पृथ्वी के निकट आने वाले खतरों के रूप में मापे जाते हैं. इसलिए 0.05 au या उससे कम की दूरी वाले सभी क्षुद्रग्रहों को PHAs यानी संभावित रूप से खतरनाक माना जाता है.”
एक एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट करीब 150 मिलियन किलोमीटर यानी धरती से सूरज की दूरी के बराबर होती है. नासा ने कहा कि उसकी जेट प्रोपल्शन लैब की वेबसाइट की पड़ताल के मुताबिक ये छुद्रग्रह करीब 4.6 अरब साल पुराने कण और अवशेष से बना हो सकता है, जब हमारे सौरमंडल का निर्माण हुआ होगा.
अन्य बड़े ग्रह जैसे ब्रहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून के कई अलग टुकड़ो से भी ऐसे विशाल पिंडों का निर्माण होता है जिनकी गतिविधियों को देखने के साथ उनका अध्यन किया जा सकता हैं. दरअसल क्षुद्रग्रह मूल रूप से ग्रहों के टुकड़े होते हैं. ये टुकड़े इन ग्रहों के जन्म के समय से बचे हुए हैं. इन चार ग्रहों में प्रथ्वी, बुध, शुक्र और मंगल शामिल हैं.
ZEE