भोपाल। अब उपभोक्ताओं को शुद्ध सरसों तेल मिल सकेगा। इसमें दूसरा तेल मिलाने की अनुमति नहीं होगी। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने इस संबंध में सभी राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त और तेल निर्माता कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
नई व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू हो जाएगी। अभी तक सरसों तेल में 20 फीसद तक कोई भी दूसरा तेल मिलाने की छूट रहती थी, केवल इसके लिए निर्माता को अपने राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से अनुमति लेनी होती थी।
एफएसएसएआइ को शिकायतें मिल रही थीं कि कई कंपनियां 20 फीसद के नाम पर मुनाफे के लिए दूसरा तेल ज्यादा मिला रही हैं। सस्ता होने की वजह से सबसे ज्यादा मिलावट पॉम आइल की होती थी, लेकिन जांच की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से यह ग़ड़बड़ी पकड़ में नहीं आती थी। लिहाजा, एक अक्टूबर से मिश्रित तेल की पैकिंग पूरी तरह से बंद होने जा रही है। इसके पहले का तैयार मिश्रित तेल बाजार में बिक सकेगा।
मध्यप्रदेश में जांच की सुविधा ही नहीं
प्रदेश में ग्वालियर अंचल के कई जिलों में कंपनियों ने मिश्रित तेल बनाने की अनुमति ली है, लेकिन यह पता करना मुश्किल होता है कि वह सरसों तेल में दूसरा तेल कितना मिला रहे हैं। सरसों तेल के सैंपल भी जांच के लिए कई बार लिए गए, लेकिन भोपाल स्थित राज्य खाद्य प्रयोगशाला में इस जांच की सुविधा नहीं है, जिससे पता चल सके कि दूसरा तेल कितना मिलाया गया है।