20 अप्रैल 2022 | भारतीय छात्र देश और विदेशों के उच्च शिक्षा संस्थानों में एक ही कोर्स के अलग-अलग हिस्सों की पढ़ाई करके तीन तरह की डिग्रियां एक समय में हासिल कर सकेंगे। इन्हें ट्विनिंग, ज्वाइंट या डुअल डिग्री कहा जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी।
इसी सत्र से योग्य भारतीय विश्वविद्यालय या संस्थान किसी विदेशी विश्वविद्यालय के साथ करार करेंगें जहां इन डिग्रियों को हासिल करने की व्यवस्था लागू हो जाएगी। यही लाभ विदेशी छात्रों को भी मिलेगा। यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने बताया के डिग्री के लिए दोनों विश्वविद्यालयों में करार जरूरी है। हालांकि, नए नियम ऑनलाइन, ओपन और डिस्टेंस लर्निंग मोड में पेश किए जाने वाले कार्यक्रमों पर लागू नहीं होते हैं।
भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा दी जाएगी डिग्री
UGC ने स्पष्ट किया है कि इसे किसी भी तरह से अलग-अलग विषयों या दो अलग-अलग स्तरों पर विषय क्षेत्रों में दो डिग्री प्रोग्राम के रूप में नहीं माना जाएगा। इसका मतलब है कि इस व्यवस्था के तहत बीए अंग्रेजी और बीएससी भौतिकी, या बीएससी गणित और एमएससी जीव विज्ञान में दोहरी डिग्री की अनुमति नहीं होगी।
डुअल डिग्री प्रोग्राम के तहत एक छात्र आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से एक विदेशी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम का अध्ययन कर सकता है, लेकिन डिप्लोमा या डिग्री केवल भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाएगी।
जल्दी जारी होगा नोटिफिकेशन
अगर कोई भारतीय संस्थान किसी विदेशी शिक्षा संस्थान के साथ ट्वाइनिंग प्रोग्राम शुरू करना चाहता है, तो स्टूडेंट को कोर्स क्रेडिट का 30% विदेशी संस्थान से पूरा करना होगा। यह एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिए किया जाएगा। यही विदेशी स्टूडेंट्स के लिए भी लागू होगा। फॉरेन एजुकेशन इंस्टिट्यूशन में हासिल किए गए क्रेडिट भारतीय इंस्टिट्यूट से दी गई डिग्री/डिप्लोमा में गिने जाएंगे।
हर इंस्टिट्यूशन इसके लिए ट्रांसक्रिप्ट जारी करेंगे। मंगलवार को यह ड्राफ्ट (भारत और विदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच जॉइंट डिग्री, डुअल डिग्री और ट्वाइनिंग प्रोग्राम को लेकर शैक्षणिक सहयोग) यूजीसी ने पास कर दिया है। इसका नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा।
Source;- ‘’दैनिक भास्कर’