छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में गर्मी महसूस की जा रही है. राजधानी रायपुर सहित कई जिलों के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रायपुर और बिलासपुर में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। तापमान में हुई बढ़ोतरी की वजह से गर्मी और उमसअब बढ़ने लगी है।
बता दें कि अभी दिन भले ही गर्म होने लगे, लेकिन रातें अब भी ठंडी चल रही हैं। फरवरी में इस बार पिछले 11 साल में दूसरी बार रात में ठंड महसूस हो रही है। इस साल 2 फरवरी को रात का तापमान 11.8 डिग्री रहा। इसके 9 साल पहले 2012 में 5 फरवरी को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रिकार्ड किया गया था। बाकी के 9 सालों में न्यूनतम तापमान 16 डिग्री के आसपास ही रहा है।
मौसम विभाग के मुताबिक फरवरी की बची हुई रातें भी ठंडी रहेंगी। रायपुर में शुक्रवार को सुबह साढ़े 5 बजे भी न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 17.1 डिग्री रहा। फरवरी के 23 दिनों में 13 दिन न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 3 डिग्री तक कम रहा है। शहर के आउटर यानी लभांडी में रात यहां से ज्यादा ठंडी है और वहां तापमान रायपुर शहर के मुकाबले 3 से 4 डिग्री तक कम चल रहा है। रायपुर के ऐसे इलाकों में अच्छी खासी ठंड रही, जहां पेड़-पौधे ज्यादा है। यहां अभी रात ठंडी व दिन काफी गर्म होने से सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
जहां तक संभव हो अपने नवजात शिशु को धूप में लेकर बाहर निकलने से बचें। सुबह 9 बजे से पहले और शाम में 6 बजे के बाद ही बच्चे को घर से बाहर निकालें। बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो बच्चे को अच्छी तरह से कवर करें और बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं जो बेहद हल्का हो ताकि बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना न निकले।
गर्मियों में बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए उन्हें नियमित रूप से स्तनपान कराते रहें। अगर आप चाहें तो उन्हें थोड़ा बहुत बॉटल का दूध भी पिला सकते हैं ताकि उनका गला न सूखे। गर्मियों में डायपर की वजह से रैशेज का भी खतरा रहता है। लिहाजा जहां तक संभव हो बच्चे को कपड़े वाला डायपर पहनाएं। अगर आप आप बच्चे को डिस्पोजेबल डायपर पहना भी रहे हैं तब भी बीच में कुछ देर के लिए डायपर जरूर खोल दें ताकि स्किन को ब्रीदिंग टाइम मिले।
नवजात शिशु को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए उन्हें कमरे के ठंडे हिस्से में रखें। इसका इसका मतलब यह नहीं कि आप उन्हें सीधे कूलर या एसी के सामने रखें।