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आयु-सीमा का उल्लंघन कर कोविड टीका लगवाने पर संसदीय सचिव शकुंतला पर फ्रॉड और धोखाधड़ी के मामले में कड़ी कार्रवाई हो : भाजपा

ByPrompt Times

Apr 11, 2021
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  • भाजपा विधायक सिंह ने कहा- कोरोना के ख़िलाफ़ ज़ंग को कांग्रेस नेता और जनप्रतिनिधि किस तरह पलीता लगाने पर आमादा हैं, संसदीय सचिव साहू ने अपने इस कारनामे से इसकी बानगी पेश की
  • केंद्र सरकार की 45+ की तय आयु-सीमा के बावज़ूद 35 वर्ष की उम्र में टीका लगवाकर शकुंतला ने मानक बिंदुओं के उल्लंघन का दुस्साहस कैसे, क्यों और किसके इशारे पर किया, यह स्पष्ट हो
  • मुख्यमंत्री बघेल को अपनी सरकार की संसदीय सचिव के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण के लिए पद से बर्ख़ास्त कर उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए : सौरभ
  • निःशुल्क टीका लगाने की शेखी बघारने वाली प्रदेश सरकार ने अब तक अपनी घोषणा पर अमल नहीं किया और केंद्र सरकार को मुफ़्त टीकाकरण और आयु-सीमा 18 वर्ष करने की नसीहतें दे रही!

रायपुरभारतीय जनता पार्टी के विधायक (अकलतरा) सौरभ सिंह ने को-वैक्सीन टीकाकरण की आयु-सीमा का उल्लंघन कर 35 वर्ष की उम्र में कोविड टीका लगवाने के लिए कसडोल की विधायक और संसदीय सचिव शकुंतला साहू के कृत्य को फ्रॉड और धोखाधड़ी का मामला बताते हुए उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। श्री सिंह ने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग को कांग्रेस के नेता और जनप्रतिनिधि किस तरह पलीता लगाने पर आमादा हैं, संसदीय सचिव जैसे अहम पद पर बैठीं शकुंतला साहू ने अपने इस कारनामे से इसकी बानगी पेश की है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम ही है।

भाजपा विधायक श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के लोग ही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाने और टीकाकरण की आयु-सीमा के साथ धोखाधड़ी करने पर उतारू हैं। ज़रूरतमंद आम आदमी की सेहत से खिलवाड़ करने में कांग्रेस के लोगों को आख़िर कब हिचकिचाहट होगी? श्री सिंह ने मांग की कि जब केंद्र सरकार की ओर से अभी 45+ की आयु-सीमा तय करके टीकाकरण कराए जाने की व्यवस्था की गई है तो संसदीय सचिव साहू ने 35 वर्ष की उम्र होने के बावज़ूद टीका लगवाकर सरकार में होते हुए भी केंद्र सरकार के मानक बिंदुओं के उल्लंघन का दुस्साहस कैसे, क्यों और किसके इशारे पर किया, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए यह घटना उनकी राजनीतिक, प्रशासनिक और संवैधानिक मर्यादा की समझ पर बड़ा सवाल खड़ा करने के लिए पर्याप्त है। प्रदेश की नौकरशाही तो उनके क़ाबू में रही नहीं, अब उनकी सरकार के सदस्य भी उनकी पकड़ से बाहर जाकर इस तरह के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।

भाजपा विधायक श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने अपनी टीम में ऐसे-ऐसे नगीने जोड़ रखे हैं कि तमाम सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करके वे अपनी ही सरकार को कठघरे में ला पटकते हैं। जिस को-वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बताकर कांग्रेस के नेता हंगामा मचाए बैठे थे, उसी कांग्रेस की प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस को-वैक्सीन की डोज़ को महीनों फ़्रीज़ करके रख दिया था और उसकी प्रामाणिकता पर सवाल खड़ा करके तथा अपनी हठीली सियासी फ़ितरत का प्रदर्शन करके देश के वैज्ञानिकों की जाँची-परखी दवा को लेकर भ्रम फैलाने का काम किया था। श्री सिंह ने कहा कि अब जबकि प्रदेश में टीकाकरण का काम जारी है तो कांग्रेस के लोग नित-नया शिगूफा छोड़ने में लगे हैं ताकि टीकाकरण का काम किसी-न-किसी तरह प्रभावित हो। निःशुल्क टीका लगाने की शेखी बघारने वाली प्रदेश सरकार ने अब तक अपनी घोषणा पर अमल नहीं किया है, और केंद्र सरकार को निःशुल्क टीकाकरण और इसके लिए आयु-सीमा 18 वर्ष करने की नसीहतें दे रही है!

भाजपा विधायक श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल को अपनी सरकार की संसदीय सचिव के इस ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण के लिए शकुंतला साहू को पद से बर्ख़ास्त कर उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। श्री सिंह ने हैरत जताई कि एक ज़िम्मेदार पद पर बैठकर ऐसी बचकानी हरक़त कांग्रेस के समूचे राजनीतिक चरित्र पर बदनुमा दाग़ है। हालाँकि कांग्रेस और प्रदेश सरकार से यह उम्मीद बेमानी ही है क्योंकि कोरोना के ख़िलाफ़ पूरी ज़ंग में और को-वैक्सीन टीकाकरण से लेकर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रदेश को दहशत के मुहाने पर ला खड़ा करने में कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार ने कोई क़सर बाकी नहीं रखी है। श्री सिंह ने इस मामले में सीएमएचओ के ज़वाब को भी ग़ैर-ज़िम्मेदाराना मानकर जाँच के दायरे में लेने की ज़रूरत बताई है, क्योंकि सवाल यह है कि सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों के लिए क्या कोई नए नियम हैं या अपने पद का प्रभाव दिखाकर डॉक्टर्स से साँठगाँठ करके टीके लगवाए जा रहे हैं? क्या सारे क़ायदे-क़ानून सिर्फ़ आम आदमियों के लिए ही हैं?

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