06 फ़रवरी 2023 | आपने फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि किसी का अंतिम संस्कार होने जा रहा है और अचानक वह शख्स जिंदा हो जाता है. फिल्मों की कहानी तो काल्पनिक है पर हकीकत में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है. डॉक्टरों ने 66 साल की एक महिला को मृत घोषित कर दिया. उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तभी उसकी सांसें चलने लगीं.
मामला अमेरिका के आयोवा शहर का है. एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, डिमेंशिया और डिप्रेशन से पीड़ित इस महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां इलाज शुरू हुआ. तीन दिन तक महिला बिल्कुल ठीक थी. खाना भी खाया और बाहर भी निकल रही थी. पर अचानक कमरे से बाहर निकलना बंद कर दिया. खाना भी खाने से मना कर दिया. अस्पतालकर्मियों ने जांच कि तो उसका टेंपरेचर गिरा हुआ था. उसकी आंखें बंद थीं. न ही बोल रही थी और न ही किसी तरह की प्रतिक्रिया दे रही थी. बाद में उसे दौरे पड़ने लगे तो बड़े अस्पताल में रेफर किया गया.
फ्यूनल होम में चलने लगीं सांसें
आयोवा मेडिकल केयर सेंटर के डॉक्टरों ने नर्स की रिपोर्ट देखी. पता चला कि उसकी नाड़ी नहीं चल रही है. न ही वह सांस ले पा रही थी. डॉक्टर ने पांच मिनट तक महिला की स्थिति देखी फिर सुबह 6:00 बजे हाथ खड़े कर दिए. कह दिया कि महिला का निधन हो गया है. परिजनों से कहा कि अब इन्हें अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर जाइए. महिला को कपड़े की थैली में रखकर फ्यूनरल बॉक्स में बंद कर दिया गया. सुबह फ्यूनरल डायरेक्टर ने भी जांच की और उन्होंने भी मृत घोषित कर दिया. पर सुबह 8:26 बजे फ्यूनरल होम के कर्मचारियों ने बैग की ज़िप खोली तो महिला की सांसें चलती नजर आईं. वह हांफ रही थी. यह देखकर कर्मचारी दंग रह गए. उन्होंने तुरंत सारे कपड़े खोल दिए ताकि उसे सांस अच्छी तरह मिल सके. इसके बाद 911 पर कॉल किया.
दो दिन तक जिंदा रही
यह जानकर सरकारी अमले में हंगामा मच गया. आपातकालीन विभाग के तमाम डॉक्टर फ्यूनरल होम पहुंचे. जांच की तो पता चला कि महिला की सांसें चल रही हैं. हालांकि, न तो वह आंखें खोल रही थी और न ही किसी की बात का कोई जवाब दे रही थी. उसे तुरंत अस्पताल में ले जाया गया. करीब दो दिन तक उसकी हालत में सुधार हुआ. हालांकि, बाद में उसका निधन हो गया. आयोवा डिपार्टमेंट ऑफ इंस्पेक्शन एंड अपील्स ने इसे भयानक लापरवाही मानते हुए अस्पताल पर 10000 डॉलर का जुर्माना लगाया है.