03 मई 2022 |
सार
डबरा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाशी परसेडिया ने यह जनहित याचिका लगाई है। इसमें आशंका जताई गई है कि जब पार्षद अध्यक्ष का चुनाव करेंगे तो धन-बल और बाहुबल का उपयोग होता है। आम व्यक्ति को अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिलता।
विस्तार
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में भी नगर पालिकाओं में पार्षदों के अध्यक्ष चुनने की व्यवस्था को चुनौती दी गई है। इस पर राज्य सरकार को नोटिस जारी हुए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी को भी नोटिस भेजा गया है। इससे पहले इसी तरह की याचिका पर जबलपुर स्थित मुख्य बेंच ने अंतरिम राहत देने से इनकार किया था। साथ ही इस मामले में रेगुलर बेंच में सुनवाई के निर्देश दिए थे।
दरअसल, डबरा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाशी परसेडिया ने यह जनहित याचिका लगाई है। इसमें आशंका जताई गई है कि जब पार्षद अध्यक्ष का चुनाव करेंगे तो धनबल और बाहुबल का उपयोग होता है। आम व्यक्ति को अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिलता। परसेड़िया का कहना है कि जब नगर निगमों में महापौर सीधे-सीधे चुने जा रहे हैं तो नगर पालिकाओं में पार्षदों पर जिम्मेदारी क्यों छोड़ी गई है।
परसेड़िया ने कहा कि इस बार नगर निगम के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला हुआ है। महापौर को जनता चुनेगी, लेकिन नगर पंचायत और नगर पालिका अध्यक्ष को पार्षद चुनेंगे। यह व्यवस्था मौलिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने सवाल किया कि जब महापौर को जनता चुन सकती है तो नगर पंचायत और नगर पालिका अध्यक्ष को जनता सीधे क्यों नहीं चुन सकती?
Source;-“अमर उजाला”