31 जुलाई 2021 | शाह मोहम्मद तांत्रे के अपनी पार्टी में चले जाने को लेकर पीडीपी समर्थकों का कहना है कि तांत्रे पीडीपी के नाम पर ही विधायक बने थे। उन्होंने पीडीपी से त्यागपत्र देकर डीडीसी चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हुई थी। इसलिए बिना पीडीपी के तांत्रे कुछ भी नहीं हैं।
पुंछ जिले में हवेली विधानसभा क्षेत्र में पीडीपी के पूर्व विधायक शाह मोहम्मद तांत्रे ने शुक्रवार को अपनी पार्टी का दामन थाम लिया है। वह श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के संस्थापक अल्ताफ बुखारी की उपस्थिति में अपने चंद समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हुए।
इससे एक दिन पूर्व पीडीपी के प्रदेश सचिव एवं पुंछ के नेता शमीम डार भी अपने साथियों सहित अपनी पार्टी में शामिल हुए थे। अब शाह मोहम्मद तांत्रे के अपनी पार्टी में शामिल होने से जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी को जिले में, विशेष कर पुंछ हवेली विधानसभा में बल मिलेगा। आने वाले दिनों में अपनी पार्टी एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आएगी और उसके साथ हजारों लोग जुड़ेंगे।
शाह मोहम्मद तांत्रे और शमीम डार जैसे लोगों के पीडीपी छोड़ने से जिले में पार्टी के अनुच्छेद-370 और 35-ए की वापसी को लेकर किए जा रहे संघर्ष के दावों की हवा कम हो जाएगी। क्योंकि, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी प्राथमिक तौर पर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दोबारा दिलाने और विधानसभा चुनाव कराने का अभियान चला रही है। तांत्रे के समर्थ भी अब क्षेत्र में उसी अभियान को आगे ले जाने का काम करेंगे।
वहीं, अगर प्रदेश में निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव कराए जाते हैं, तो जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के लिए शाह मोहम्मद तांत्रे प्रत्याशी के तौर पर एक बड़ा चेहरा होंगे। वह पूर्व विधायक हैं, और लोगों में उनकी छवि ज्यादा खराब भी नहीं हैं। इसका लाभ अल्ताफ बुखारी और उनकी पार्टी को मिल सकता है। इतना ही नहीं, अगर परिसीमन में पुंछ हवेली विधानसभा चुनाव को दो भागों में बांटकर पुंछ और मंडी दो अलग विधानसभा चुनाव क्षेत्र बनाए जाते हैं, तो मंडी क्षेत्र में तांत्रे एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर समाने आएंगे।
Source;-“अमर उजाला”