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पंजाब सरकार ने कैबिनेट में लिया अहम फैसला, कम की जाएगी इन ‘साहबों’ की संख्या

 07  जनवरी 2023 |पंजाब सरकार ने पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन के भारी-भरकम खर्च को कम करने की कवायद के तहत सदस्यों की संख्या को घटा दिया है। सरकार द्वारा इसको 10 सदस्यीय बड़े आकार की बजाय 5 सदस्यीय रखने का फैसला लिया गया है।

जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश हुकूमत के वक्त 1 मई 1937 को गठित किए गए ज्वाइंट पब्लिक सर्विस  कमीशन, जिसे कि आजादी के बाद पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन का नाम दिया गया, के अब तक कुल 10 सदस्य लगाए जाते रहे हैं। इनमें 5 सदस्य ऑफिशियल व 5 नॉन-ऑफिशियल कैपेसिटी में होते थे। ऑफिशियल में सिर्फ वही सदस्य योग्य होते थे, जिन्होंने पंजाब या केंद्र सरकार के अधीन अधिकारी के तौर पर सेवाएं दी हों और नॉन-ऑफिशियल में राजनीतिक या सामाजिक शख्सियतें योग्य होती थीं। इन्हीं 10 में से एक सदस्य को सरकार चेयरमैन के तौर पर भी नामित करती थी।

सूचना के मुताबिक प्रत्येक पी.पी.एस.सी. सदस्य को 2 से अढ़ाई लाख रुपए प्रति माह वेतन-भत्ता या मानदेय दिया जाता था और साथ में तकरीबन 300 लीटर पैट्रोल वगैरह भी। पटियाला के आलीशान बारादरी बाग इलाके में अढ़ाई-तीन एकड़ में फैली सरकारी कोठी और अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती थीं। पंजाब की सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि जनता के टैक्स की किसी भी किस्म की फिजूलखर्ची को रोका जाएगा और उसी ऐलान के तहत पंजाब पब्लिक सर्विस  कमीशन के सदस्यों की संख्या 10 से घटाकर 5 करने के फैसले पर कैबिनेट ने मोहर लगा दी है। इससे न सिर्फ 5 सदस्यों को दिए जाने वाले 10 लाख रुपए प्रतिमाह मानदेय की बचत होगी, बल्कि उनके रहन-सहन के लिए होने वाले सरकारी खर्च की भी बचत होगी। कैबिनेट के फैसले के बाद अब जल्द ही इसे नोटिफाई कर दिया जाएगा।

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन के भारी-भरकम खर्च को कम करने की कवायद के तहत सदस्यों की संख्या को घटा दिया है। सरकार द्वारा इसको 10 सदस्यीय बड़े आकार की बजाय 5 सदस्यीय रखने का फैसला लिया गया है। जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश हुकूमत के वक्त 1 मई 1937 को गठित किए गए ज्वाइंट पब्लिक सर्विस  कमीशन, जिसे कि आजादी के बाद पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन का नाम दिया गया, के अब तक कुल 10 सदस्य लगाए जाते रहे हैं। इनमें 5 सदस्य ऑफिशियल व 5 नॉन-ऑफिशियल कैपेसिटी में होते थे। ऑफिशियल में सिर्फ वही सदस्य योग्य होते थे, जिन्होंने पंजाब या केंद्र सरकार के अधीन अधिकारी के तौर पर सेवाएं दी हों और नॉन-ऑफिशियल में राजनीतिक या सामाजिक शख्सियतें योग्य होती थीं। इन्हीं 10 में से एक सदस्य को सरकार चेयरमैन के तौर पर भी नामित करती थी।

सूचना के मुताबिक प्रत्येक पी.पी.एस.सी. सदस्य को 2 से अढ़ाई लाख रुपए प्रति माह वेतन-भत्ता या मानदेय दिया जाता था और साथ में तकरीबन 300 लीटर पैट्रोल वगैरह भी। पटियाला के आलीशान बारादरी बाग इलाके में अढ़ाई-तीन एकड़ में फैली सरकारी कोठी और अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती थीं। पंजाब की सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि जनता के टैक्स की किसी भी किस्म की फिजूलखर्ची को रोका जाएगा और उसी ऐलान के तहत पंजाब पब्लिक सर्विस  कमीशन के सदस्यों की संख्या 10 से घटाकर 5 करने के फैसले पर कैबिनेट ने मोहर लगा दी है। इससे न सिर्फ 5 सदस्यों को दिए जाने वाले 10 लाख रुपए प्रतिमाह मानदेय की बचत होगी, बल्कि उनके रहन-सहन के लिए होने वाले सरकारी खर्च की भी बचत होगी। कैबिनेट के फैसले के बाद अब जल्द ही इसे नोटिफाई कर दिया जाएगा।

सोर्स :-” पंजाब केसरी”                  

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