• May 9, 2024 5:10 am

ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ रेलकर्मी:डिस्काउंट में इलेक्ट्रिक स्कूटर पाने की लालच में गंवा बैठा 50 हजार,नेट पर सर्च करने पर आया था कॉल

बिलासपुर में डिस्काउंट में इलेक्ट्रिक स्कूटर पाने की लालच में आकर रेलवे के ड्राफ्ट्समैन साइबर ठगी का शिकार बन गया। ठग ने उन्हें झांसा देकर ऑनलाइन 50 हजार रुपए जमा करा लिया। इसके बाद और पैसों की डिमांड करने लगा। धोखाधड़ी की आशंका होने पर उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

पुलिस के अनुसार नेहरू नगर निवासी संजय गुप्ता रेलवे में ड्राफ्ट्समैन हैं। वे अपने मोपबाइल पर इंटरनेट के जरिए इलेक्ट्रिक स्कूटर की जानकारी सर्च कर रहे थे। ऑनलाइन जानकारी सर्च करने के बाद वे दूसरे काम में व्यस्त हो गए और मोबाइल का नेट बंद कर दिया। इस बीच रविवार को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी का कर्मचारी बताया। बातचीत में उनका इंट्रेस्ट देखकर उसे स्कूटर का रेट बताया और डिस्काउंट भी देने की बात कही।

डिस्काउंट के लालच में फंसे रेलकर्मी
इस दौरान डिस्काउंट मिलने की लालच में आकर रेलवे कर्मी स्कूटर खरीदने के लिए तैयार हो गए। तब ठग ने उन्हें अकाउंट नंबर देकर ऑनलाइन पेमेंट कर बुकिंग करने के लिए कहा। इस पर रेलवे कर्मी ने बताए गए अकाउंट नंबर पर 25 हजार रुपए जमा करा दिए। पैसे जमा होने के बाद दूसरे दिन ठग ने उन्हें स्कूटर तैयार होने की जानकारी दी। फिर रजिस्ट्रेशन के लिए उनसे 22 हजार 649 रुपए मांगे।

उसकी बातों में आकर उन्होंने फिर से पैसे जमा कर दिए। फिर ठग ने ट्रांसपोर्टिंग चार्ज के लिए 18 हजार 900 रुपए जमा करने कहा। बार-बार अलग-अलग तरीके से पैसे मांगने पर उन्हें शक हुआ और कॉल कट कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने अपना अकाउंट भी ब्लॉक करा दिया। फिर इस मामले की शिकायत पुलिस से की। शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

इंटरनेट में सर्च करते ही आया कॉल
रेलकर्मी ने पुलिस को बताया कि वे इंटरनेट पर इलेक्ट्रिक स्कूटर की जानकारी सर्च करने के बाद उनके पास कॉल आया। इसलिए उन्हें लगा कि कंपनी की तरफ से फोन किया गया है और उन्होंने भरोसा कर लिया। पैसे जमा करने के बाद उन्होंने जानकारी ली तो पता चला कि इलेक्ट्रिक स्कूटर के मिलते-जुलते नाम के कई फर्जी वेबसाइट भी हैं। इसी में जाने पर जालसाजों को उनके मोबाइल नंबर की जानकारी मिली।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                      

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