13 अप्रैल2022 | छत्तीसगढ़ सरकार का हेलिकॉप्टर बीती रात रायपुर में क्रैश हो गया। इसकी वजह से इसमें सवार दोनों पायलट की मौत हो गई। जानकारों का कहना है कि तकनीकी गड़बड़ी से यह हेलिकॉप्टर उड़ता ताबूत बन चुका था। कई बार वीआईपी उड़ानों के दौरान यह उड़नखटोला हवा में ही झटके देता रहा। दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से क्रैश हुआ यह हेलिकॉप्टर प्रदेश एविएशन हिस्ट्री की दुखद कहानी में बदल गया।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है, यह सरकारी बेड़े का एकमात्र हेलिकॉप्टर था। अगस्ता वेस्टलैंड का AW-109 हेलिकॉप्टर 2007 में खरीदा गया था। इसके इंजन अपनी क्षमता से अधिक उड़ान भर चुका था। एक बार इसका इंजन बदला भी जा चुका था। फिर इंजन बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन पूरी नहीं हो पाई। इसी वजह से वीआईपी दौरे के लिए इसका कम इस्तेमाल हो रहा था।
कई बार आपात लैंडिंग हो चुकी थी इस हेलिकॉप्टर की
- बताया जा रहा है, जून 2021 में भैयाथान में लैंड करते हुए इस हेलिकॉप्टर का कांच क्रेक हो गया था। उस वक्त उसमें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सवार थे। अगस्त 2019 में मंत्री अमरजीत भगत को लेकर सरगुजा से आते हुए हेलिकॉप्टर का फ्यूल खत्म हो गया। इसकी वजह से कोरबा में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।
- फरवरी 2016 में रमन सिंह और केदार कश्यप को लेकर सुकमा से वापस आते समय इस हेलिकॉप्टर का ऑटो पायलट मोड फेल हो गया। यह कुछ सेकंड के भीतर 100 फीट तक गोता लगा गया। उस समय पायलट ने बड़ी मुश्किल से इसे संभाल कर इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी।
- मई 2016 में तत्कालीन कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को लेकर यह हेलिकॉप्टर नारायणपुर जा रहा था। रास्ते में फ्यूल सप्लाई रुकने से एक इंजन बंद हो गया। आनन-फानन में इसे रायपुर वापस लाना पड़ा। साल 2017 में बस्तर से रायपुर आते समय हेलिकॉप्टर के पंखे में वाइब्रेशन आ गया। इसकी वजह से यह उड़ नहीं पा रहा था। पायलट ने आनन-फानन में इसे अभनपुर के एक खाली मैदान में उतारा। इसमें दो पायलट और एक पुलिस कर्मी सवार थे।
मेंटेनेंस पर ही भारी खर्च हो रहा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल विधानसभा को बताया था, दिसम्बर 2018 से जनवरी 2021 तक इस हेलिकॉप्टर के मेंटेनेंस पर 14 करोड़ 65 लाख 15 हजार 41 रुपये खर्च हुए थे। इसी दो साल में सरकारी विमान के मेंटेनेंस का खर्च एक करोड़ 93 लाख 59 हजार 620 रुपया आया है। मुख्यमंत्री की ओर से बताया गया, इसी दौरान राज्य सरकार 43 बार हेलिकॉप्टर और 31 बार विमान किराये पर लिया था। इन पर 33 करोड़ 87 लाख 74 हजार 745 रुपये का खर्च आया था।
विधानसभावार दौरे के लिए भी किराए पर हेलिकॉप्टर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चार मई से प्रदेश का विधानसभावार दौरा शुरू किया है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर की सुरक्षा संबंधी दिक्कतों की वजह से ही इस दौरे के लिए किराए का हेलिकॉप्टर लिया गया है। इस दौरे में अगस्ता वेस्टलैंड भी मुख्यमंत्री के साथ रहा लेकिन इससे मुख्यमंत्री ने सफर नहीं किया। इसमें प्रदेश के वरिष्ठ अफसर सफर करते रहे। सरगुजा दौरे के दौरान यह कई बार रायपुर आया और वापस गया। बुधवार शाम को यह मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर के साथ ही माना हवाई अड्डे पर उतरा था।
खरीदी से ही विवादों में रहा है यह हेलिकॉप्टर
तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अक्टूबर 2007 में यह अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदा था। इसके लिए 65 लाख 70हजार अमेरिकी डॉलर की कीमत अदा की गई। इस सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने सवाल उठाए। कहा गया, खरीदी प्रक्रिया में एक स्टैंडर्ड मॉडल के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया। यह सही नहीं था। यह भी सवाल उठा कि ऐसा ही हेलिकॉप्टर झारखंड सरकार ने 55 लाख 91 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा था।यह भी बात आई कि सरकार ने कंपनी के साथ 61 लाख डॉलर में बातचीत तय कर ली थी, लेकिन अचानक ही बढ़ी हुई कीमत पर खरीदी कर ली गई। कांग्रेस इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक गई थी।
Source;- ‘’दैनिकभास्कर’’