गौसेवक साधराम यादव हत्याकांड के मामले में अब जांच एनआइए को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है। मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा की मैराथन बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
गौसेवक साधराम यादव हत्याकांड के मामले में अब जांच एनआइए को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है। बुधवार को साधराम यादव के परिजनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हुए मामले में विस्तृत जांच व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा की मैराथन बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। कवर्धा के लालपुर गांव निवासी साधराम यादव के हत्याकांड मामले में विधानसभा में भी विपक्ष ने काफी हंगामा मचाया था, वहीं इसकी जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग की थी। झीरम कांड के बाद छत्तीसगढ़ में यह दूसरा मामला होगा, जिसकी एनआइए करेगी।
कवर्धा में साधराम यादव हत्याकांड की जांच NIA को सौंपी जाती है।
इस जघन्य प्रकरण में शामिल सभी किरदारों को उनके अंजाम तक पहुंचाये बिना हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी।
गौरतलब है कि हत्याकांड के मामले में कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया था कि हत्या के मुख्य आरोपी अयाज खान और ईदरीस खान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधि से संलिप्त होने के प्रमाण पाए गए हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ सेक्शन 16 (यूएपीए) टेररिस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। साधराम की हत्या आतंकी संगठन आइएसआइएस की तर्ज पर की गई। घटना के कुछ दिन पहले इन आरोपितों के कश्मीर जाने व आतंकी संगठनों के संपर्क में रहने की जानकारी सामने आई थी। फिलहाल हत्याकांड के सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा-हर पहलू की जांच होगी
साधराम यादव के परिजनों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस निर्दयता के साथ साधराम यादव की हत्या हुई। इस पर उच्च स्तरीय जांच होगी। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलें इसके लिए मामला एनआइए को सौपेंगे। हत्याकांड से ऐसा लगता है कि यह एक व्यक्ति की नहीं बल्कि विचारधारा की हत्या है।
धारदार हथियार से गला रेतकर की गई थी हत्या
जानकारी के मुताबिक सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र लालपुर कला गांव के नर्सरी के पास 20 जनवरी 2024 की रात एक अधेड़ व्यक्ति की लाश मिली थी। मृतक की पहचान साधराम यादव (50) के रूप में की गई, जो कि गोशाला में चरवाहा का काम करता था। इस हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर मामले का राजफाश करते हुए। मामले में पांच आरोपितों की गिरफ्तारी की थी।
सोर्स :-“नईदुनिया”