सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको ने देश के उत्तरी क्षेत्र में दो नई तेल और गैस फ़ील्ड की खोज की है. सऊदी के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने आधिकारिक सऊदी न्यूज़ एजेंसी एसपीए को ये जानकारी दी.
सऊदी मंत्री के हवाले से एसपीए ने बताया है कि एक प्राकृतिक गैस फ़ील्ड अल-जॉफ इलाक़े में मिली है, जिसे हदबत अल-हजरा नाम दिया गया है. वहीं एक तेल और गैस फ़ील्ड उत्तर के सीमाई इलाक़े में मिली है, जिसे अबरक़ अल-तुलूल नाम दिया गया है.
हदबत अल-हजरा से हर दिन 16 मीलियन क्यूबिक फ़ीट प्राकृतिक गैस और 1,944 बैरल कंडेनसेट का उत्पादन हो सकता है.
वहीं अबरक़ अल-तुलूल से हर दिन क़रीब 3,189 बैरल अरब सुपर लाइट क्रूड निकल सकता है. साथ ही 1.1 मीलियन क्यूबिक फ़ीट गैस निकल सकती है.
एसपीए के मुताबिक़, मंत्री ने बताया कि इसके अलावा एक अन्य मिली फ़ील्ड से रोज़ाना 2.4 मीलियन क्यूबिक फ़ीट प्राकृतिक गैस और 49 बैरल कंडेनसेट उत्पादन हो सकता है.
प्रिंस ने देश को समृद्धि देने के लिए ख़ुदा का शुक्रिया अदा किया और कहा कि सऊदी अरामको दोनों फ़ील्ड का आकलन करना जारी रखेगी और उनसे निकलने वाले गैस और तेल की मात्रा निर्धारित करने के लिए कुएं खोदेगी.
कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में तेल की मांग कम हुई थी जिसकी वजह से इस तेल कंपनी को आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ा.
तुर्की ने खोजा बड़ा गैस भंडार
इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेचैप तैय्यप अर्दोआन ने घोषणा की थी कि तुर्की ने काले सागर में अब तक का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस का भंडार ढूंढा है. साथ ही उन्होंने कहा कि तुर्की का लक्ष्य 2023 तक इसका इस्तेमाल करने का है.
इस्तांबुल में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए अर्दोआन ने कहा था कि तुर्की के फ़तेह नामक ड्रिलिंग जहाज़ ने 320 अरब क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस भंडार टूना-1 कुएं में पाया है. उन्होंने इसे तुर्की के इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस की खोज बताया था.
उन्होंने कहा था कि इसी इलाक़े में नए गैस भंडार की खोज होगी. अर्दोआन ने कहा, “हमारा लक्ष्य काले सागर से गैस निकालकर 2023 तक इसके इस्तेमाल करने का है.”
साथ ही उन्होंने कहा कि तुर्की को भी पूर्वी भूमध्यसागर से ‘ख़ुशख़बरी’ की उम्मीद है. इस जगह पर भी तुर्की गैस की खोज कर रहा है.
BBC