22जुलाई 2022 लीक से हटकर खेती करना लाभकारी हो सकता है, ये साबित किया है नर्मदापुरम जिले के किसान सुधीर वर्मा ने। जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर सुधीर 8 एकड़ के खेत में देशी गुलाब की खेती कर रहे हैं। उन्होंने 20 साल पहले 10-15 गुलाब के पौधों से शुरुआत की थी। अब 8 एकड़ में पौधे लगाकर रोजाना 7 से 8 हजार रुपए के गुलाब रोज बेचते हैं। बड़े पैमाने पर की जा रही खेती से 10 से 11 स्थानीय लोगों को रोजगार भी दे रखा है।
सुधीर के उपजाए देशी गुलाब की डिमांड इटारसी, नर्मदापुरम के अलावा हरदा के बाजारों में रहती है। सुधीर आठवीं तक ही पढ़े हैं, इसके बाद खेती करने लगे। सुधीर ने कहा कि ट्रेडिशनल खेती के साथ गुलाब की खेती उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती देती है। गुलाब के फूल की खेती में रोजाना की मेहनत जरूर है, लेकिन कमाई भी ट्रेडिशनल फार्मिंग से ज्यादा है। सुधीर रोज रात 3 बजे उठकर घर से 15 किमी दूर खेत पहुंचते है। इसके बाद मजदूरों के साथ गुलाब तोड़कर बाजार पहुंचाते हैं।
12 लोगों को मिला रोजगार, डोर-टू-डोर 800 घरों में पहुंचाते हैं गुलाब
सुधीर की गुलाब की खेती से 12 स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा है। इससे उनके परिवार का जीवनयापन हो रहा है। नर्मदापुरम, इटारसी और हरदा में गुलाब के फूलों की थोक सप्लाई के अलावा 800 घरों में डोर-टू-डोर जाकर गुलाब के फूल की डिलेवरी करते हैं। पूजा के लिए लोग इन फूलों को मंगाते हैं। सुधीर बताते हैं कि थोक में जितनी कमाई नहीं, उससे ज्यादा फुटकर में होती है।
नौकरी से बेहतर व्यवसाय कृषि
किसान सुधीर कुमार वर्मा मानते है कि सर्विस से बेहतर व्यवसाय कृषि होता है। मेहनती व्यक्ति को खेती या बिजनेस करना चाहिए। नौकरीपेशा व्यक्ति की आय सीमित होती है। बिजनेस या कृषि में आय सीमित नहीं होती। सुधीर बताते हैं कि मौजूदा दौर में वह रोजाना 6 से 7 हजार रुपए कमाते हैं। अगर उनकी वार्षिक आय की बात की जाए तो 12 से 15 लाख रुपए है।
कैसे तैयार करते हैं गुलाब के लिए खेत
पौधरोपण के बाद उसकी सिंचाई करने के साथ ही उचित मात्रा में खाद की जरूरत होती है। इसके लिए ड्रिप से 19:19, क्लोरी-50, यूरिया, कैल्शियम, 0050, 13045 खाद देना पड़ता है। पौधरोपण के दो माह बाद से फूल आने लगते है। गुलाब के पौधे काफी नाजुक होते हैं। इसमें फफूंद जनित रोग, सफेद मकड़ी सहित कई रोग लग जाते हैं। ध्यान न दें, तो पूरा पौधा सूख सकता है। इस परेशानी से बचने के लिए पौधों को रोज देखना चाहिए। किसी भी पौधे में रोग के लक्षण दिखें, तो तुरंत उपचार करना चाहिए। इसके लिए 15 दिन में एक बार कीटनाशक का छिड़काव जरूर करना चाहिए।
फूल की कटिंग में सावधानी
गुलाब के फूलों की कटिंग में भी बड़ी सावधानी की जरूरत होती है। जमीन से डेढ़ फीट की हाइट तक ही कटिंग करना चाहिए। इसे नीचे से तीन से चार पत्ती छोड़कर तना सहित काटना पड़ता है। जितना लंबा तना होता है, उसकी कीमत उतनी ही अधिक मिलती है। तीन से चार पत्ती छोड़ने का मतलब ये है कि वहां से गुलाब के नए तने निकलते हैं। महीने में एक बार खरपतवार की निदाई करना चाहिए। जब फूल को चमकीले रंग की पंखुड़ियां मिल जाती हैं, तब इनकी कटाई की जाती है।
पहले वर्ष में गुलाब के पौधे तैयार होते हैं, इसलिए पहले वर्ष में अधिक उत्पादन नहीं हो पाता है। वहीं दूसरे वर्ष में आपको इस गुलाब के फूलों से अच्छी उपज मिलने लगेगी। गुलाब के पौधे में मार्च में 45 से 50 दिनों की छंटाई के बाद फूल आने लगते हैं। आमतौर पर गुलाब के फूल पौधे पर 40 दिन तक रह सकते हैं।
ऐसी जलवायु चाहिए
- गुलाब के पौधे रोपने से पहले खेत में बेड की तरह जमीन तैयार करना होता है। 90 सेमी चौड़े और एक से डेढ़ फुट ऊंचे मिट्टी के बेड के बीच की दूरी 30 से 40 सेमी रखी जाती है।
- बेड बनाते समय गोबर का खाद या ऑर्गेनिक खाद डाला गया। बेड बन जाने के बाद हाथ से एक-एक कर पौधे रोपे जाते हैं। एक पौधे से दूसरे की दूरी 15 सेमी रखी जाती है।
- गुलाब के लिए 26-30 डिग्री तक का तापमान और जमीन में 70-85 प्रतिशत नमी की जरूरत होती है। इसे संतुलित रखना बड़ी चुनौती होती है।
- सबसे बड़ी चुनौती तापमान को संतुलित करने की होती है, एक बार तोड़ने के 30 से 40 दिन बाद फिर फूल खिल जाते हैं। यह क्रम पूरे साल चलता रहता है।
source “दैनिक भास्कर”