• May 6, 2024 3:18 pm

चीन और ईरान के बीच होने जा रही ऐसी डील, भारत की बढ़ सकती है टेंशन

ईरान पर आरोप लगता आया है कि वे मध्यपूर्व में विद्रोह समूहों को ड्रोन और मिसाइल देता है. यहां तक कि यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने भी ईरान से उसके सस्ते ड्रोन खरीदे हैं. हाल ही में किए गए इजराइल पर हमले के बाद ईरान ने ये साबित कर दिया कि उसके ड्रोन 2 हजार किलोमीटर की दूरी से भी हमला करने में सक्षम हैं. जिसके बाद दुनिया की बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत ने भी ईरान के इन ड्रोन को अपनी सेना में शामिल करने का फैसला किया है.

खबरों के मुताबिक, चीनी सेना ने ईरान को 15,000 आत्मघाती ड्रोन का ऑर्डर दिया है और इसके अलावा रूस भी ईरान से दोबारा बैलिस्टिक मिसाइलें खरीदने जा रहा है. चीन और रूस दुनिया की बड़ी ताकत हैं और इनकी सैन्य ताकत अमेरिका की सेना से भी कम नहीं है. ऐसे में इन देशों का ईरान से हथियार खरीदना बताता है कि ईरान ने अपनी सैन्य क्षमता किस हद तक बढ़ा ली है.

रूस ने खरीदे ईरानी ड्रोन

पिछले साल जून में व्हाइट हाउस ने कहा थी कि रूस ईरान के साथ अपने रक्षा सहयोग गहरा कर रहा है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने बताया था कि रूस ने ईरान से ड्रोन खरीदे हैं, जिनका इस्तेमाल वे यूक्रेन पर हमला करने के लिए कर रहा है. बता दें यूक्रेन-रूस युद्ध में ईरान के ड्रोन और अनक्रूड एरियल व्हीकल (UAV) का इस्तेमाल अच्छी तादाद में हुआ है.

चीन का इतनी बड़ी तादाद में ड्रोन खरीदना भारत के लिए भी खतरा बन सकता है. क्योंकि भारत का चीन के साथ सीमा विवाद पिछले कुछ सालों में गहरा हुआ है.

इजराइल हमले में दिखाई ताकत

अमेरिका और रूस दुनिया भर में अपने हथियार बेचते आए हैं. दुनिया के किसी भी कोने में जंग हो, इन दोनों देशों का नाम जरूर आता है. जानकार मानते हैं युद्ध अपने हथियारों की गुणवत्ता दुनिया को दिखाने का अवसर प्रदान करता है. दुनिया के किसी भी क्षेत्र के युद्ध में अमेरिका, फ्रांस ,ब्रिटेन और रूस का कूदना भी इस बात का सबूत है. जंग में अगर किसी देश के हथियार अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उनकी मांग बढ़ जाती है. ईरान का इजराइल पर हमला करना उसको आर्म एक्सपोर्ट में मददगार साबित हो रहा है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

source tv9 bharatvarsh

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