• June 28, 2024 8:50 pm

तालाब में लगाइए डुबकी, पाइए चर्मरोग से मुक्ति, सातवीं की छात्रा ने किया शोध

22  दिसंबर 2022 |  राजधानी के कंकालीपारा तालाब में नहाने से चर्मरोग ठीक होने की मान्यता पर अब विशेषज्ञों ने भी मुहर लगा दी है। रायपुर के कंकालीपारा तालाब के पानी में नहाने से चर्मरोग ठीक होता है। ऐसी लोक मान्यता है। कई लोगों ने स्वयं से इसे महसूस भी किया, लेकिन अब स्कूल की सातवीं छात्रा में पढ़ने वाली अन्विका गुप्ता ने तालाब के पानी पर शोध करते हुए इसके वैज्ञानिक प्रमाण भी ढूंढ निकाला है।

दरअसल इस शोध की शुरूआत होती है राजातालाब स्थित बीपी पुजारी सरकारी स्कूल की महिला सहायिका से, जिसे चर्मरोग हुआ था। इस तालाब के पानी में नहाने के बाद चर्म रोग ठीक हो गया। यह बात स्कूल के अध्यापकों के साथ ही छात्रा तक पहुंची। बस यही से स्कूल की छात्रा अन्विका के लिए वह महिला सहायिका प्रेरक बन गई। प्रेरणा ऐसी कि छात्रा ने शहर के तीन तालाबों के पानी का सैंपल लिया और शोध के लिए लैब में भी भेजा। लैब रिपोर्ट भी चौकाने वाली रही, जिसमें कंकालीपारा तालाब के पानी में गंधक (सल्फर) की मात्रा अधिक पाई गई।लोक मान्यता और लोगों के अनुभव को वैज्ञानिक आधार मिला। छात्रा का यह शोध अहमदबाद में होने वाले राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चयनित किया गया है।

चर्मरोग विशेषज्ञों का कहना है गंधक की अधिकता वाले पानी में चर्मरोग ठीक होने के प्रमाण मिलते हैं। इस नवाचार को अहमदाबाद में होने वाले राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता के लिए भी चयनित किया गया है। जिले से सिर्फ दो शोध चयनित हुए हैं। बीपी पुजारी स्कूल की छात्रा अन्विका के मुताबिक तालाब के पानी को उन्होंने राजधानी स्थित निजी लैब में टेस्ट कराया। इसकी रिपोर्ट प्रतियोगिता के लिए सबमिट की जा चुकी है।परितंत्र को समझना, स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए थीम पर होने वाली राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता 27 से 31 जनवरी 2023 तक अहमदाबाद में होगी।

कंकालीपारा तालाब में सबसे ज्यादा सल्फर की मात्रा: चर्मरोग विशेषज्ञ

अन्विका ने बताया कि स्कूल में कार्यरत महिला सहायिका की बीमारी ठीक होने के बाद इस रहस्य को जानने की जिज्ञासा हुई। हमने शहर के प्रसिद्ध राजातालाब, कंकालीपारा तालाब और बूढ़ातालाब के पानी का सैंपल लिया।शहर के प्रसिद्ध चर्मरोग विशेषज्ञ डा. भरत सिंघानिया से संपर्क कर उनसे बात किया, पानी से भी चर्मरोग ठीक हो सकता है क्या। उन्होंने बताया कि देश के बहुत सारे तालाब, नदी, झरनों के पानी में सल्फर की अधिक मात्रा होने की वजह से चर्मरोग ठीक होता है। कंकाली तालाब के पानी में भी सल्फर की मात्रा ज्यादा है। इसी वजह से चर्मरोग ठीक हो रहा है। शहर की एक लैब में पानी की टेस्टिंग की, जिसमें पाया गया कि कंकाली तालाब के पानी में सल्फर की मात्रा सबसे अधिक है। जो चर्मरोग को ठीक करता है। राजा तालाब में 2.45, बूढ़ातालाब में 3.94 और कंकाली तालाब में 8.1 मिली ग्राम प्रति लीटर की मात्रा में सल्फर पाया गया।

मान्यता है सूर्योदय से पहले नहाने से ठीक होती है बीमारी

कंकाली पारा में रहने वाले लोगों की आस्था है कि काली माता का मंदिर है। माता की कृपा से तालाब में सूर्योदय से पहले लगातार तीन दिन तक नहाने से चर्मरोग ठीक होता है। अभी तक कंकाली तालाब में नहाने से चर्मरोग ठीक होता है, ये लोगों की आस्था थी,लेकिन विशेषज्ञ ने भी इसे मान लिया है। इस पानी में चर्मरोग को ठीक करने वाले गंधक पाए जाते है। जिस वजह से चर्मरोग ठीक हो रहा है।

तालाब और मंदिर का 600 साल पुराना इतिहास

पुरानी बस्ती स्थित कंकालीपारा में कंकाली तालाब है।नागा साधुओं ने मां कंकाली के स्वप्न में दिए आदेश पर 600 साल पहले कंकाली मंदिर का निर्माण करवाया था।जहां पर मां कंकाली की प्रतिमा मिली वही पर अस्त्र-शस्त्र भी निकले थे। मंदिर के ठीक सामने स्थित तालाब में बीच में छोटा सा मंदिर बनवाकर शिवलिंग की स्थापना की।

सल्फरयुक्त प्राकृतिक जल स्त्रोत

कंकालीपारा तालाब में सल्फर युक्त जल स्त्रोत प्राकृतिक बताया जा रहा है। विशेषज्ञ भी हैरान है कि आखिरकार इस जल स्त्रोत का रहस्य क्या है। देश के कई स्थानों पर ऐसे जल स्त्रोतों का उल्लेख मिलता है, जिसका उद्गम भी प्राकृतिक है। जानकारों का कहना है कि कंकालीपारा तालाब के पानी का लोग लंबे समय से लोग चर्मरोग दूर करने में उपयोग कर रहे हैं। कंकालीपारा तालाब के पानी का सैंपल डेढ़ महीने पहले लिया गया था।

सोर्स :-“नईदुनिया”     

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