• April 27, 2024 5:11 pm

पिता की वो बात, जिसने आयुष्मान खुराना को बना दिया स्टार

व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे ग्लोबल समिट का आज दूसरा दिन है. पहले दिन रवीना टंडन और शेखर कपूर समेत बॉलीवुड और कला के क्षेत्र से कई कलाकार इस समारोह का हिस्सा बने. पुष्पा फेम अल्लू अर्जुन और ग्रैमी विजेता राकेश चौरसिया को टीवी 9 नक्षत्र सम्मान अवॉर्ड से नवाज़ा गया. आज दूसरे दिन समिट में अभिनेता आयुष्मान खुराना ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

देश के सबसे बड़े न्यूज़ नेटवर्क टीवी 9 नेटवर्क पर व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे ग्लोबल समिट की शुरुआत हो चुकी है. 25 फरवरी को इस ग्लोबल समिट का पहला दिन था. पहले दिन अन्य तमाम क्षेत्रों की तरह फिल्म और कला के क्षेत्र से कई मेहमान शामिल हुए. इनमें रवीना टंडन, शेखक कपूर, ग्रैमी विजेता राकेश चौरसिया जैसे नाम शामिल हैं. आज इस समिट का दूसरा दिन है. दूसरे दिन कार्यक्रम में जाने माने अभिनेता आयुष्मान खुराना ने शिरकत की. फायरसाइड चैट सेशन में ‘सिनेमा फोर न्यू इंडिया’ टॉपिक पर आयुष्मान से चर्चा हुई. इस दौरान एक्टर ने कई सवालों के खुलकर जवाब दिए और तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी.

इस मौके पर आयुष्मान खुराना ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत और शुरुआत में बरती गई सावधानियों के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने अपने दिवंगत पिता की उस सलाह का भी जिक्र किया, जिसकी बदौलत वो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर शुरुआत की थी. फिर टेलीविजन एंकर बने और फिर इंटरव्यूज़ लेने से इंटरव्यूज़ देने तक का सफर तय किया.

पिता ने दी थी ये सलाह

पिता की सलाह के बारे में आयुष्मान खुराना ने कहा, “मेरे पिता, मेरे दिवंगत पिता ने मुझसे एक बार कहा था कि अगर तुम सुपरस्टार बनना चाहते हो तो तुम्हें सुपर स्क्रिप्ट चुननी चाहिए. इसलिए मैं हमेशा ऐसे स्क्रिप्ट चुनता हूं जो सच्चे हों, अच्छे हों, जिससे किसी तरह के सोशल बदलाव की शुरुआत हो या सामाजिक चर्चा हो. और ये साल दर साल होता गया. मैंने विक्की डोनर से शुरुआत की. फिर दम लगा के हईशा और बधाई दो…जैसी फिल्में की.”

भारतीय सिनेमा को ग्लोबल बनाने के सवाल पर आयुष्मान खुराना ने कहा, “इस वक्त हर कोई इंडिया की तरफ देख रहा है. ये एक आर्टिस्ट होने के लिए बेस्ट टाइम है. हम एक शानदार युग में रह रहे हैं. मुझे इस बात पर फख्र होता है कि हमारे पास नाटु नाटु, एलिफेंट व्हिस्परर्स हैं, जिन्हें दुनियाभर में पहचाना जा रहा है. हमारे लिए ये गर्व का लम्हा है. हमें और जमीनी कहानियों को ढूंढने की ज़रूरत है. इसी तरह हम दुनिया तक अपनी पहुंच बना पाएंगे.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “

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